मन से मतभेद

15-10-2024

मन से मतभेद

धीरज ‘प्रीतो’ (अंक: 263, अक्टूबर द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

हम दोनों के बीचों-बीच रहती है एक उदासी
जब कुछ नहीं सूझता
करवट बदल, मुँह फेर कर, इसी उदासी को ओढ़ कर सो जाते हैं
नींद में सब ठीक रहता है
वो मेरी बाँहों में आ जाती है, मैं उसकी बाँहों में चला जाता हूँ
महसूस करते हैं एक दूसरे की गरमाहट
और आहिस्ता आहिस्ता एक दूसरे में खो जाते हैं
 
मतभेद मन की उपज है
नींद, प्रेम और आत्मा के बीच कोई मतभेद नहीं होता। 

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