बेबसी

धीरज ‘प्रीतो’ (अंक: 242, दिसंबर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

तुम्हारी ज़मीन है? 

नहीं मालिक
किराए पर है

तो फिर अकड़ कर क्यों बात कर रहे हो

कहाँ मालिक? 
नहीं मालिक
ग़लती हो गई मालिक

कल से यहाँ ये टीन छप्पर दिखना नहीं चाहिए
पता है न बड़ा होटल बन रहा है

जी मालिक पर ऐसा मत करिए
इसी से घर का गुज़ारा होता है मालिक
मेरे बच्चे भूखे मर जाएँगे
मेहरिया की दवा नहीं करा पाऊँगा
दया करिए मालिक

अच्छा दया दिखाऊँ, मेरे बच्चों के महँगे 
स्कूल की फ़ीस कौन भरेगा, 
उनके शौक़ कौन पूरा करेगा, तुम्हारा बाप? 

सही कहा मालिक
स्कूल फ़ीस भूख से ज़्यादा क़ीमती है
हमारे बच्चों का क्या है
ये तो मरने के लिए ही पैदा होते हैं
भगवान आपके बच्चों को ख़ुश रखे।

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