मैं क्या लिखूँ?
धीरज ‘प्रीतो’
सोच रहा हूँ
तुम पर फिर कोई कविता लिखूँ
पर क्या मेरी कविताएँ तुम्हारी बराबरी कर सकती हैं?
पता नहीं, परन्तु मैं लिखूँगा
पर तुम जैसी ख़ूबसूरत कविता
शायद ही मैं कभी लिख पाऊँ
हाँ इतना टेढ़ा तो लिख ही सकता हूँ
जितनी तुम्हारी नाक दीवार से
टकराने पर टेढ़ी हो गई थी या
उतना गिरा हुआ कविता लिखूँ
जितनी स्कूटी से गिरने पर
तुम्हारे हाथ छिल गए थे या
फिर उतना बेहूदा तो लिखी सकता हूँ
जितना बेहूदा तुम्हारे पेट का कैंसर था या
उतना बदनसीब कविता लिखूँ जितना मैं हूँ
जो तुम्हें आख़िरी बार देख भी न सका
मैं क्या लिखूँ ऐसा जो तुम सा लगे?
मैं क्या लिखूँ ऐसा कि मुझे सुकून मिले?
क्या मैं लिखूँ हमारी बातों को, हमारी मुलाक़ातों को?
या तुम्हारे चरणों की धूल लिखूँ?
या तुम्हारे क़ब्र की मिट्टी लिखूँ?
या मैं लिखूँ तुम्हारे दर्द की सिसकियों को
या मैं लिखूँ तुम्हारे आँख के सूखे पानी को
या मैं तुम्हारी आख़िरी साँस की कहानी लिखूँ
मैं क्या लिखूँ? कुछ तो बताओ!
मेरे सपनों में आकर मुझे राह दिखाओ
मैं भटक गया हूँ, मैं जड़ हो गया हूँ
मैं बस तुम्हें लिखना चाहता हूँ
मैं बस तुम्हारी यादों में रहना चाहता हूँ।
(यह कविता मेरी एक दोस्त की याद में लिखी है जो कैंसर से लड़ते-लड़ते दुनिया छोड़ गई)
2 टिप्पणियाँ
-
शुक्रिया
-
सारी कविताएँ पढ़ी।मिठाई की तरह मधुर हैं।
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
- कविता
-
- अंत कहाँ पर करूँ
- अकेलापन
- अचानक
- अदृश्य दरवाज़े
- अब तक की जीवनगाथा
- असमंजस
- असल प्रयागराज
- आँखों की भाषा
- आईना
- आशियाना
- आख़िरी कर्त्तव्य
- इज़हार
- उपनिवेश
- उम्मीद एक वादे पर
- एक नई दुनिया
- एक लड़का
- कर्ण
- कविता मुझे कहाँ मिली?
- क्या राष्ट्र सच्चा है?
- क्रांति
- गड़ा मुर्दा
- गर्मी देवता की गर्मी
- गाँव और शहर
- गिद्ध
- गुनाह
- गुलदस्ता
- गुलाब
- घुप्प अँधेरा
- छह फ़ुट की क़ब्र
- जागती वेश्याएँ
- तख़त
- तिलिस्म
- तीन भाइयों का दुखड़ा
- तुम जानते हो?
- तुम हक़दार हो
- तुम्हारी महक
- तुम्हारे संग
- थोड़ा सा थक गया हूँ
- दुख का स्वाद
- दुनिया
- नदी
- नफ़रत के सौदागर
- पदार्थ की चौथी अवस्था
- पिता एक किताब
- पिता जी
- पुतली
- पुराने साल का ग़म
- पुल
- पेड़ गाथा
- प्रियजनो
- प्रेम अमर रहे
- प्रेम और ईश्वर
- प्रेम का ढंग
- प्रेम का पुश्तैनी क़र्ज़
- प्रेम का महीना और मेरा दुर्भाग्य
- प्रेम का रंग
- प्रेम का वध
- प्रेम की सागर तुम
- प्रेम में पाषाण हो जाना
- बच कर रहना
- बताओ मैं कौन हूँ?
- बदहाली
- बह जाने दो
- बहनो
- बहनो
- बारिश
- बीहड़
- बुद्ध
- बेबसी
- भाग्यशाली
- मंदिर देखो
- मजनूँ का दुःख
- मत ब्याहना मुझे उस स्त्री से
- मन से मतभेद
- मनःस्थिति
- माँ
- माँगलिक
- मुझे माफ़ कर दो
- मेरा वुजूद
- मेरा सत्य
- मेरी कविताओं में क्या है
- मेरी प्यारी धृष्टता
- मेरी बहन
- मैं आवाज़ हूँ
- मैं क्या लिखूँ?
- मैं चाहता तो
- मैं तप करूँगा
- मैं भी इंसान हूँ
- मैं स्त्री हूँ
- मैं हूँ
- मैं ख़ुद की हीनता से जन्मा मृत हूँ
- मज़दूर हूँ
- ये दुनिया एक चैंबर है
- राम, तुम मत आना
- रोज़गार चाहिए
- लड़ते लड़ते
- विद्रोह
- विद्रोही कविताएँ
- वो लड़की
- शब्द
- शादी का मकड़जाल
- शृंगार
- षड्यंत्र
- सावन
- सुनो प्रिये
- सूरज डूब गया है
- स्कूल बैग
- स्त्रियाँ
- स्त्री तेरे कितने रंग
- स्पर्श
- हे कृष्ण
- होली—याद है तुम्हें
- ग़रीबी
- विडियो
-
- ऑडियो
-