मेरी कविताओं में क्या है

01-02-2024

मेरी कविताओं में क्या है

धीरज ‘प्रीतो’ (अंक: 246, फरवरी प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

मेरी कविताओं में क्या है? 
 
तुम्हारा नाम, तुम्हारा चेहरा, तुम्हारी हँसी
और तुम्हारी शरारतों का ताना बाना
यही तो हैं मेरी कविताओं के आभूषण
इनमे अलग से कोई रत्न थोड़े न जड़े है
 
मेरी कविताओं से ठीक तुम्हारी जैसी ही ख़ुश्बू आती है
हू-ब-हू तुम्हारे ही नयन नक़्श, तुम्हारा ही रंग और बिल्कुल
तुम्हारी जैसी सरल, चंचल और कामुक भी
 
और भला क्या रखा है मेरी कविताओं में? 
ये तो निर्जीव थीं, इन्हें सजीव बनाया तुम्हारे स्पर्श ने
 
तुम्हें चेता देता हूँ मैं! 
अगर तुम ने मेरी कविताओं से अपना दामन छुड़ाया तो 
तुम हत्यारी कहलाओगी मेरी कविताओं की। 

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