अंतिम साल

01-12-2024

अंतिम साल

धीरज ‘प्रीतो’ (अंक: 266, दिसंबर प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

अब नहीं लिखता मैं अपना हाल
चल तेरा ख़्याल लिख देता हूँ
सुबह सो कर उठ नहीं पाता मैं
उससे पहले तेरी याद लिख देता हूँ
हाथ में क़लम हो न हो परवाह नहीं
गाढ़े अक्षर में प्रीतो लिख देता हूँ
सपनों में जनाबा कोई भी हो
मैं उसे तेरी शक्ल लिख देता हूँ
बरदाश्त नहीं मुझे कोई और सपनो में आए
नींद में ही अपना बुरा हाल लिख देता हूँ
तेरे प्यार में मैं इतना हल्का हो जाता हूँ
ख़ुद को हवा से बना किरदार लिख देता हूँ
साल का क्या है ये गुज़रता जाएगा मगर
इस साल को अपना अंतिम साल लिख देता हूँ। 

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