केवल गाँधी वाले आवेदन करें
डॉ. अशोक गौतम
हमें यह घोषणा करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है कि हम नेक ए प्लस प्लस प्लस सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस को ब्रह्मांड गुरु श्रेणी का बनाने के लिए प्योरली गाँठ में गाँधी की योग्यता के आधार पर प्रोफ़ेसर, सह प्रोफ़ेसर, सहायक प्रोफ़ेसर के रिक्त पदों हेतु योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित कर रहे हैं। इन पदों के लिए केवल वही उम्मीदवार आवेदन करें जो नियुक्ति की आर्थिक शर्तें पूरी करते हों। इन पदों के लिए आरक्षण का आधार भी गाँधी ही रहेगा। मतलब, गाँधी के आधार पर ही आरक्षित पद भी भरे जाएँगे।
जब हम प्रोफ़ेसर बने थे तो योग्य तो हम भी नहीं थे। तब गाँधी का उतना बोलबाला नहीं था। गाँधी जिसके विरोध में थे, उसका बोलबाला था। खिला-पिलाकर काम हो जाता था। सो हमारा भी हो गया था। उस वक़्त काम करने वालों को खिलाना-पिलाना ही बहुत समझा जाता था। और वे खा-पीकर प्रसन्न भी हो जाते थे। उस वक़्त भी जो निकले पदों के लिए अपने को योग्य मानते थे या कि जो सच्ची को योग्य होते थे वे, परिणाम आने के बाद तब भी अपनी डिग्रियाँ मलते रह जाते थे।
हमारे सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के टॉप प्रबंधन ने इन पदों पर भर्ती के लिए करोड़ों की वसूली फ़िक्स की है। यह टारगेट कहाँ से फ़िक्स हुआ है, हमें किसीको बताने की ज़रूरत नहीं। यह सबको पता है। हमने तो बस इन पदों की भर्ती के बहाने करोड़ों की वसूली का निर्णय लिया है। इसलिए उम्मीदवारों के हितों की रक्षा करते हुए स्पष्ट किया जाता है कि इन पदों के लिए केवल वही योग्य उम्मीदवार आवदेन करें जिनके पास पैसे की योग्यता हो। डिग्री धारियों की योग्यता में हमारा कोई विश्वास नहीं, कोई दिलचस्पी नहीं। वे हमारे लिए गौण हैं। हमारे लिए पद का उचित दाम देने की योग्यता रखने वाले प्रधान हैं, सुल्तान हैं। हम किसी भी तरह की असली नक़ली डिग्रियों में क़तई विश्वास नहीं रखते। हमारे लिए असली डिग्री भी नक़ली है और नक़ली डिग्री भी असली।
हम केवल पदों को ख़रीदने वाली मनी पॉवर में विश्वास रखते हैं। इसलिए इन पदों हेतु केवल कोरी उपाधियाँ रखने वाले उम्मीदवार पूरी तरह अयोग्य माने जाएँगे। या कि उनके आवेदन पत्रों पर विचार करना सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के लिए कठिन होगा। इसलिए वे इन पदों हेतु आवेदन कर अपना दिमाग़ और हमारा समय नष्ट न करें।
किस पद के लिए कितनी राशि तय की गई है, या कितना गाँधी रखने वाला किस पद के लिए योग्य माना जाएगा, इसकी सूचना सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस ने अपरोक्ष रूप से अपने नव नियुक्त दलालों को जारी कर दी है। और वे सक्रिय भी हो गए हैं। अब उन्हें ढूँढ़ना उम्मीद्वारों का काम है।
यह देश लाल प्रधान रहा होगा तो कभी रहा होगा। अब यह देश दलाल प्रधान है। यहाँ जिसे हम लाल समझते हैं मौक़ा मिलते ही वह दलाल निकलता है। अब तो यहाँ लाल को भी अपने हर छोटे बड़े काम के लिए दलाल का सहारा लेना पड़ता है। आज लाल का गुज़ारा दलाल के बिना नहीं। बिन दलाल के यहाँ कोई काम सम्भव नहीं। यहाँ स्वर्ग और नरक के बीच दलाल है। हवा और पानी के बीच दलाल है। कथा और कहानी के बीच दलाल है। प्रकाशक और उत्पादक के बीच दलाल है। नीट और ढीठ के बीच दलाल है। बिजली और बिजली मीटर के बीच दलाल है। राशन और राशन कार्ड के बीच दलाल है। नल और जल के बीच दलाल है। ट्रांसफ़र और स्टेशन के बीच दलाल है। भगवान और भक्त के बीच दलाल है। नौकरी और उम्मीदवार के बीच दलाल है। न्याय और गाय के बीच दलाल है। रोटी और सोठी के बीच दलाल है। बाज़ार और व्यापार के बीच दलाल है। सत्ता और धत्ता के बीच दलाल है। मिशन और कमीशन के बीच दलाल है।
संक्षेप में, यह देश लालों के बिना चल सकता है, पर दलालों के बिना हरगिज़ नहीं। हमारे सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में होने वाले ब्रह्मांड गुरु स्तर के प्रोफ़ेसरों के लिए किसका चयन किया जाना है, इसके लिए हमने सारे नियम अपने दलालों को बता दिए हैं। हमने उन्हें सब ब्रीफ़ कर दिया है। बिन किसी अधिसूचना के अपरोक्ष में वे ही हमारी चयन कमेटी के माननीय सदस्यों के रूप में कार्य करेंगे। या दूसरे शब्दों में कहें तो वे ही हमारी चयन कमेटी के वर्दी सदस्य हैं। अतः इन गरिमामयी पदों पर अपनी नियुक्ति पाने के लिए हमसे संपर्क करने के बदले या तो आप हमारे दलालों से सीधा संपर्क करें या फिर हो सकता है कि वे आप से सीधा संपर्क करें जो उन्हें इस बात का पता चल जाए कि आपके पास इन पदों को ख़रीदने हेतु गाँधी का उचित प्रबंध है।
उम्मीदवारों के हित में यह भी स्पष्ट किया जाता है कि जिस पद को पाने के आप इच्छुक होंगे, उस पद की तय गाँधी आपको एक मुश्त हमारे दलाल को कैश देने होंगे। उसके बाद हमें जब वह सूचित करेगा कि माननीय चयन कमेटी द्वारा तय गाँधी आपने हमारे वर्दी दलाल को सौंपे हैं, आपको नियुक्ति पत्र जारी कर दिया जाएगा। ध्यान रहे, पद हेतु गाँधी के लेन-देन को लेकर सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस से क़तई संपर्क न किया जाए। अगर कोई उम्मीदवार ऐसा करता पाया गया तो उसके विरुद्ध सख़्त से सख़्त क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी और उसे उस पद के लिए गाँधी देने के बाद भी अयोग्य क़रार दिया जाएगा।
वैसे इन पदों को बेचने का बेसिक क़ीमत पचास, साठ, सहत्तर लाख गाँधी तय की गई है। उसके बाद जो जितना और गाँधी दे पाएगा, वह उतना ही पद पाने का सशक्त दावेदार होगा।
वैसे अभ्यर्थियों के सूचनार्थ बता दें कि जिस पद के लिए पचास लाख गाँधी बेसिक क़ीमत रखी गई है, उसके लिए उम्मीदवार अस्सी-अस्सी लाख गाँधी तक देने को तैयार हैं। हमारे कुछ वर्दी दलालों ने इन पदों पर आने वाले योग्य उम्मीदवारों की सूची भी तैयार कर ली है। इसलिए अभ्यर्थियों को वैधानिक सलाह दी जाती है कि इससे पहले कि चयनित उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दिया जाए, उससे पहले वे इन पदों पर अपनी नियुक्ति के लिए प्रशासन द्वारा अधिकृत दलालों से यथा शीघ्र मिलकर अपने मनचाहे पद के लिए अपना आरक्षण करवा लें। अंतिम तिथि के बाद हमें किसी भी क़ीमत पर उनके लिए पद उपलब्ध करवाना कठिन हो जाएगा। उसके बाद वे चाहे कहीं से भी, किसीका भी फोन करवाते रहें, प्रेशर डलवाते रहें। हमारा स्वायत संस्थान किसीके प्रेशर के आगे न तो आज तक झुका है, और न ही भविष्य में झुकेगा। उम्मीदवार चाहे कितना ही क़द्दावर का क्यों न रहा हो। हम नैतिकता के सिवाय और किसीसे कोई समझौता नहीं करते।
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