त्रस्त पतियों के लिए डायमंड चांस
डॉ. अशोक गौतम
अब किसी भी टाइप के पतियों को अपनी धर्म पत्नियों से झूठ-मूठ को भी परेशान होने की ज़रूरत नहीं। ऐसे बेचारे पति जो बीवी के ताने सुनते-सुनते आज तक जागते हों और बीवी के ताने सुनते-सुनते कल तक सोते रहे हों उनके लिए हम उज्ज्वल ख़ुशहाल जीवन का पैग़ाम लेकर आए हैं।
हे दुलारे पतियो! पति चाहे सरकारी नौकरी में कितने ही अच्छे पद पर क्यों न हो; घर की देहरी लाँघते ही वह दो कौड़ी का भी नहीं रहता। ऑफ़िस से घर की ओर जैसे-जैसे वह क़दम बढ़ाता है उसकी साँसें फूलने लगती हैं। उसका मन अशांत होने लगता है। उसके दिल की धड़कनें थमने लगती हैं। उसे चक्कर आने लगते हैं। उसके चारों ओर ज्ञात डर मँडराने लगता है। तब उसका मन करता है कि वह घर के बदले किसी धर्मशाला में ही चला जाए।
ऐसा ही जीवन जी रहे पतियों को हमें यह ख़ुशख़बरी देते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हम हर टाइप के दब्बू पतियों को सबसे शक्तिशाली बनाने के इरादे से बीवियों से त्रस्त पतियों को उसी घर में पुनः प्रतिष्ठित करने के इरादे से उन्हें ब्रह्मचार्य धारण करने का आवाह्न करते हैं।
इसीलिए बीवियों से त्रस्त ऐसे तमाम पतियों के लिए हम शीघ्र ही ब्रह्मचार्य मेला लगाने जा रहे हैं। इस मेले में सब तरह के पति ब्रह्मचार्य धारण कर गृहस्थी के जंजाल से मुक्ति पा सकेंगे जो किसी न किसी तरह अपनी बीवी से तंग आ चुके हों।
ब्रह्मचार्य में जो मज़े हैं वे स्वर्ग में भी नहीं। जहाँ मर्ज़ी की वहाँ घूमें! जहाँ मर्ज़ी की वहाँ झूमें! न बीवी की चिंता न बच्चों की! न बाज़ार जाकर सब्ज़ी के मोल-भाव करने की चिंता, न गैस सिलेंडर के रोज़-रोज़ महँगे होने का भय। न स्कूटर के तेल की टंकी में मोबाइल की टार्च जला झाँकने की ज़रूरत, न बीवी के वशीकरण होने के भय से बाबाओं के डेरे की धूल फाँकने की ज़रूरत। ब्रह्मचार्य सब सामाजिक भयों से मुक्ति के द्वार खोलता है।
अतः अपनी बीवियों से किसी भी तरह से त्रस्त पति हमारे ब्रह्मचार्य धारण मेले में सादर आमंत्रित हैं। इस मेले में आपके शहर मुहल्ले के ही नहीं, पूरे समाज के हर वर्ग के त्रस्त पति संन्यास ले दीक्षित हो रहे हैं। जो अभी भी नंद की तरह बीच में फँसे हों, फिर भी निडर बनने की इच्छा रखने वाले त्रस्त पति अगले मेले में ब्रह्मचारी बनने हेतु अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। और जो इस ब्रह्मचार्य धारण मेले में आना चाहें उनके लिए दसों दिशाएँ खुली हैं, वे किसी भी दिशा से इस मेले में आ गृहस्थी के बोझ से सदा सदा को मुक्त कर सकते हैं।
हमारे ब्रह्मचार्य मेले में हमसे दीक्षा लेने के बाद हम आपके भीतर एक बार फिर ऐसा व्यक्तित्व गढ़ देंगे कि अगले जन्म में जब आप पुनः पति बनेंगे तो वो आपको सफल पति बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। गृहस्थ से त्रस्त हर दीक्षा लेने वाले पति को सफल पति बनने के व्यावसायिक प्रशिक्षण देने पर जो ख़र्च आएगा, उसे सारा का सारा हम वहन करेंगे। हमारा और कोई उद्देश्य नहीं, बस हर त्रस्त पति के भीतर से उसकी बीवी का डर निकालना है ताकि वह किसी भी टाइप की बीवी के सामने निकट और सुदूर भविष्य में सिर उठा कर जी सके।
हे अपनी बीवी से त्रस्त पतियो! सच मानिए! जो पतियों के फ़ेवर में किसी भी युग में आज तक न हुआ, वही काम हम करने जा रहे हैं। हम विवाहित, अविवाहित पतियों के हिमायती हैं। हम विवाहित, अविवाहित पतियों के सच्चे शुभचिंतक हैं। हम हर देश के उनकी बीवियों से त्रस्त पतियों को ब्रह्मचार्य दिला उनकी बीवियों को भी त्रस्त करना चाहते हैं। हमने संकल्प लिया है कि अब कोई भी पति न बीवी के ताने सुनता हुआ जागेगा, न बीवी के ताने सुनता हुआ सोएगा। अबसे वह गाने सुनता हुआ जागेगा और गाने सुनता हुआ सोएगा। तानों से आगे भी ज़िंदगी है बंधुओ। तुम पति हो, अपनी बीवी के बंधुआ मज़दूर नहीं! हम अपने इस प्रयास से हर बंधुआ पति को आज़ाद करवा कर रही यह संस्था बंद करेंगे।
ऐसे में जो बीवियों की ताड़नाएँ प्रताड़नाएँ झेल रहे हों, हम उनका जीवन वैभवशाली बनाना चाहते हैं। हम त्रस्त पतियों के हक़ में वह ख़ास करने जा रहे हैं जो पिछले हज़ारों बरसों में नहीं हुआ। हमने बेचारे पतियों को उनकी बीवियों से बचाने का संकल्प लिया है। इसलिए आओ और हमारे संकल्प में अपनी बीवी से मुक्त हो अपनी आहुति दो। जो बीवी त्रस्त पति अपना बचा जीवन अपने लिए आहुत करना चाहते हों हम उनका पलकें बिछाए स्वागत करते हैं।
हमारा विश्वास है कि बीवियों से त्रस्त पतियों ने ही पति समाज में बदलाव लाए हैं। उन्होंने ही अपनी बीवियों के प्रति विद्रोह किया है। उन्होंने ही गृहस्थ जीवन के नए प्रतिमान गड़े हैं। फ़िलहाल अभी समूचे शहर के त्रस्त पति अगले रविार को हमारे ब्रह्मचार्य मेले में आएँ और हमारे सर्व पति रक्षक अत्याधुनिक गृहस्थाचार्य जी से दीक्षा पाकर जितने मर्ज़ी बच्चों के बाप होने के बाद भी अपने भीतर बिल्कुल अविवाहित जैसी फ़ीलिंग महसूस करते हुए अपने भीतर बीवी को डराने का विश्वास पैदा करते बीवी का नेतृत्व पैदा करने का गुर सीख अपने पेन से गृहस्थ जीवन का नया इतिहास लिखें।
किसी भी वर्ग की जो बीवियाँ अपने अहं से दग्ध अपने प्रतिभावान पतियों को हमारे मेले में ब्रह्मचार्य की दीक्षा दिला अपनी भूल सुधारना चाहती हों या जो अपने अहंकारवश अपने पति को अपना बंधुआ मज़दूर मानते हुए उसे ब्रह्मचार्य मेले में न भेज रही हों, ऐसी बीवियों के पतियों से निवेदन है कि वे साहस कर अपनी पत्नी की अनुमति के बिना भी निःसंकोच हमारे ब्रह्मचार्य मेले में आ अत्याधुनिक गृहस्थाचार्य जी से दीक्षा ग्रहण कर गृहस्थी के शोषण से मुक्त हो सकते हैं। एक बार जिस पत्नी पीड़ित ने हमारे संन्यास मेले में आ हमारे अत्याधुनिक गृहस्थाचार्य जी से दीक्षा ले ली, उसके बाद उसकी हर तरह से रक्षा करने की हमारे गृहस्थाचार्य जी गारंटी देते हैं।
इसलिए त्रस्त पति आज ही ब्रह्मचारी बनने के लिए आँखें मूँद अपना निःशुल्क पंजीकरण करवाएँ।
बीवी पीड़ित संन्यास आश्रम
हवा पहाड़
ई मेल: इनफ़ो एट द रेट संन्यासी मेला.कॉम
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