चराग़े-दिल

बहारों का आया है मौसम सुहाना
नये साज़ पर कोई छेड़ो तराना।
 
ये कलियाँ, ये गुंचे ये रंग और खुशबू
सदा ही महकता रहे आशियाना।
 
हवा का तरन्नुम बिखेरे है जादू
कोई गीत तुम भी सुनाओ पुराना।
 
चलो दोस्ती की नई रस्म डालें
हमें याद रखेगा सदियों ज़माना।
 
खुशी बाँटने से बढ़ेगी जि़यादा
नफ़े का है सौदा इसे मत गवाना।
 
मैं देवी खुदा से दुआ माँगती हूँ
बचाना, मुझे चश्मे-बद से बचाना।

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