
डॉ. कुमारेन्द्र सिंह सेंगर
साहित्यिक नाम: कुमारेन्द्र किशोरीमहेन्द्र
जन्मतिथि: सितम्बर 1973
जन्मस्थान: बुन्देलखण्ड के उरई (जालौन) उ.प्र.
शैक्षिक योग्यता:
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पीएच. डी. (हिन्दी साहित्य एवं अर्थशास्त्र) बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी
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एम.ए. – (अर्थशास्त्र, हिन्दी साहित्य, राजनीतिविज्ञान, समाजशास्त्र) बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी
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बी.एससी. (गणित) जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर
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स्नातकोत्तर डिप्लोमा, पत्रकारिता एवं जनसंचार, इग्नू, नई दिल्ली
सम्प्रति: सहायक प्राध्यापक, हिन्दी विभाग
संस्थान: गाँधी महाविद्यालय, उरई-जालौन (उ.प्र.)
विशेषज्ञता क्षेत्र: हिन्दी उपन्यास, गद्य साहित्य
संक्षिप्त जीवन परिचय
तीन भाइयों में सबसे बड़े कुमारेन्द्र सिंह सेंगर की आरम्भिक शिक्षा उरई शहर में ही हुई। इसके पश्चात् उच्च शिक्षा के लिए जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के साइंस कॉलेज में प्रवेश लिया। विज्ञान स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद इन्होंने बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी के अंतर्गत आने वाले दयानंद वैदिक महाविद्यालय, उरई और गाँधी महाविद्यालय, उरई से क्रमशः अर्थशास्त्र और हिन्दी साहित्य में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की। दोनों परीक्षाओं में इन्होंने बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी की प्रवीणता सूची में तीसरा स्थान प्राप्त किया।
वर्ष 2004 में हिन्दी साहित्य विषय से इन्होंने विद्या वाचस्पति (पीएच.डी.) की उपाधि प्राप्त की. देश के जाने माने विद्वान डॉ. दुर्गा प्रसाद खरे के निर्देशन में इन्होंने डॉ. वृन्दावन लाल वर्मा के साहित्य में अभिव्यक्त सौन्दर्य का अनुशीलन विषय से अपना शोध-कार्य संपन्न किया. डॉ. दुर्गा प्रसाद खरे दो विषयों में डी.लिट्. की उपाधि प्राप्त करने वाले देश के तीसरे विद्वान हैं। वर्ष 2014 में कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने डॉ. शरद जी श्रीवास्तव के निर्देशन में अर्थशास्त्र विषय से विद्या वाचस्पति (पी-एच.डी.) की उपाधि प्राप्त की।
शिक्षा ग्रहण करने के समय से ही कुमारेन्द्र सिंह सेंगर सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय बने रहे। सन् 1997-98 से ही इन्होंने जनपद में कन्या भ्रूण हत्या निवारण हेतु जागरूकता कार्यक्रम का सञ्चालन करना शुरू किया। जनपद में इस कार्य को आरम्भ करने वाले वे पहले व्यक्ति थे। कालांतर में सन 2002 में इन्होंने एक सामाजिक संस्था दीपशिखा का पंजीकरण करवा कर अपने अभियान को व्यापक स्वरूप प्रदान किया. वर्तमान में वे बिटोली अभियान के माध्यम से देशभर में जागरूकता कार्यक्रमों, अभियानों का सञ्चालन कर रहे हैं।
वर्ष 2012 से कुमारेन्द्र ने विकलांगजनों को प्रोत्साहित करने के लिए विकलांग शक्ति नामक अभियान आरम्भ किया। कालांतर में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा विकलांग शब्द को दिव्यांग किये जाने के पश्चात् इस अभियान को अब दिव्यांग शक्ति के नाम से जाना जाता है।
लिखने-पढ़ने के संस्कार कुमारेन्द्र को बचपन से ही मिले थे। साहित्यिक क्षेत्र में कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने अपने नाम के साथ संयुक्त रूप से अपने माता-पिता का नाम जोड़ कर कुमारेन्द्र किशोरीमहेन्द्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने अपनी पहली कविता नौ-दस वर्ष की उम्र में लिखी थी। यह कविता तत्कालीन दो समाचार-पत्रों में प्रकाशित भी हुई थी। वे अद्यतन लेखन से जुड़े हुए हैं। साहित्य की लगभग सभी विधाओं में उन्होंने अपनी कलम चलाई है। अभी तक दो दर्जन से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। विभिन्न समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं, शोध-पत्रिकाओं आदि में उनके हजार से अधिक आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। इंटरनेट पर वे लगातार व्यक्तिगत ब्लॉग, वेबसाइट, सोशल मीडिया के माध्यम से लेखन में सक्रिय हैं।
इसके साथ-साथ सन् 2020 से उन्होंने किंडल संस्करण में भी पुस्तकों का प्रकाशन आरम्भ किया है। उनकी पाँच पुस्तकें किंडल संस्करण के रूप में आ चुकी हैं। वर्तमान में वे एक साहित्यिक पत्रिका स्पंदन का सम्पादन-प्रकाशन कर रहे हैं।
घुमक्कड़ी शौक के साथ-साथ फोटोग्राफी, पेंटिंग, स्केचिंग आदि में भी सकारात्मक हस्तक्षेप, गहरी विश्लेष्णात्मक दृष्टि के कारण सोशल मीडिया में अत्यंत लोकप्रिय लघु चुटीली व्यंग्य विधा छीछालेदर रस और दुनाली की स्थापना।
इंटरनेट लेखन
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व्यक्तिगत ब्लॉग (kumarendra.blogspot.com)
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साहित्य ब्लॉग (saahitya.blogspot.com)
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बुन्देलखण्ड सम्बन्धी (bundeli.blogspot.com)
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बिटोली (bitoly.blogspot.com)
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फेसबुक प्रोफाइल (facebook.com/rajakumarendra)
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फेसबुक पेज (facebook.com/dr.kumarendra)
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फेसबुक साहित्यिक पेज (facebook.com/kishorimahendra)
कृतियाँ:
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हिन्दी भाषा
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अजन्मी का दर्द, (कन्या भ्रूण हत्या निवारण सम्बन्धी)
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अधूरे सफर का सच (कहानी संग्रह)
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हर शब्द कुछ कहता है (कविता-संग्रह)
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मिड डे मील योजना : एक सर्वेक्षण
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वृन्दावनलाल वर्मा के उपन्यासों में सौन्दर्य चित्रण
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जनपद जालौन के गौरव
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पर्यावरण समस्या और समाज
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पत्रकारिता
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पर्यावरण और जीवन
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ख़ास ख़त
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विचार प्रवाह (लेख-संग्रह)
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एहसास की छाँव में (कविता-संग्रह)
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वृन्दावनलाल वर्मा के उपन्यास और सौन्दर्यबोध
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समकालीन मुद्दे और विचार (लेख-संग्रह)
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छीछालेदर रस की बहार (व्यंग्य-संग्रह)
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इतै-उतै की इखरी-बिखरी (विविध बुन्देली रचनाओं का संग्रह)
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छोटी-छोटी बातें (लघुकथा-संग्रह)
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स्त्री विमर्श और सामाजिक सरोकार
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चिन्तन-दर्शन (लेख-संग्रह)
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धूप-छांव (ग़ज़ल-संग्रह)
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टोकरी भर मुद्दे (लेख-संग्रह)
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एहसासों की सिलवटें (काव्य संग्रह)
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कुछ सच्ची कुछ झूठी (आत्मकथा)
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तपती दुपहरी की शाम (कविता संग्रह)
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स्कूटी वाली लड़की (कहानी संग्रह)
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उम्मीदों की प्याली (कविता-स्केच संग्रह)
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नव-शैक्षणिक प्रवाह (राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020)
किंडल संस्करण:
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दिल के करीब (काव्य संग्रह)
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संवेदित रेखाएँ (स्केच संग्रह)
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एहसासों की सिलवटें (काव्य संग्रह)
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यार ज़िन्दगी (संस्मरण)
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प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में बुन्देलखण्ड (कब, कहाँ, क्या हुआ)
पुरस्कार एवं सम्मान:
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बहुआयामी सेवा सम्मान (हिन्दी) - उत्तर प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन
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युवा आलोचक - साहित्यिक मंच, भोपाल
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बेस्ट इन्वेस्टीगेटर (प्रथम) - सेण्टर फॉर स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीस (सीएसडीएस) नई दिल्ली
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साहित्यिक सम्मान - अखिल भारतीय पुस्तक प्रचार समिति, इन्दौर
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सर्वश्रेष्ठ युवा - नेहरू युवा केन्द्र, जालौन स्थान उरई
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सम्पादक श्री - पुष्पगंधा प्रकाशन कवर्धा (छत्तीसगढ़)
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कविगुरु रवीन्द्रनाथ ठाकुर सारस्वत साहित्य सम्मान - भारतीय वाडंमय पीठ, कोलकाता
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साहित्य श्री - साहित्य शारदा मंच, खटीमा
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वैशाखनन्दन रजत सम्मान - इंटरनेट पर हास्य-व्यंग्य लेखन हेतु
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श्री कैलाश नारायण अग्रवाल सम्मान - औरैया हिन्दी प्रोत्साहन निधि, औरैया
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सजग सामाजिक क्रान्तिदूत - अनुरागिनी सामाजिक संगठन, जालौन
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समीक्षक सम्मान 2012 - संवेदना-साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भोपाल
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बुन्देली रतन - साहित्य-संस्कृति सेवा दृष्टि, सागर
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यूथ आइकन ऑफ़ द इयर - नेशनल इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट एण्ड रिसर्च एसोसिएशन, बंगलौर
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श्रेष्ठ कहानीकार का द्वितीय पुरस्कार - महादेवी वर्मा शोध एवं साहित्य संस्थान, उदयपुर
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हिन्दी गौरव सम्मान - बुन्देली साहित्य एवं सांस्कृतिक केन्द्र, छतरपुर
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सर्वश्रेष्ठ युवा व्यंग्यकार - प्रयाग साहित्य सेवा समिति, प्रयाग
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साहित्य शिरोमणि सम्मान - हमीरपुर
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साहित्यश्री सम्मान - इंदौर
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श्रेष्ठ कहानीकार सम्मान - हरियाणा की एक पत्रिका द्वारा प्रदान
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हिन्दी निधि - हिन्दी सम्वर्द्धन एवं प्रोत्साहन समिति, गोरखपुर
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सामाजिक क्षेत्र में बेटियों के प्रोत्साहन कार्य हेतु सम्मानित - शिवहर (बिहार)
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साहित्य निधि अलंकरण - अग्रदूत साहित्य एवं सामाजिक संस्था, जयपुर
सामाजिक सक्रियता:
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मुख्य कार्यकारी, दीपशिखा (सामाजिक संगठन)
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निदेशक, सूचना अधिकार फोरम (RTI Forum)
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संयोजक, पीएच.डी. होल्डर्स एसोसिएशन
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संयोजक, सेण्टर फॉर रिसर्च स्टडी ऑफ़ सोसायटी (CRSS)
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निदेशक, बुन्देलखण्ड रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट सेण्टर