सच कहते हैं लोग

01-07-2025

सच कहते हैं लोग

चेतना सिंह ‘चितेरी’ (अंक: 280, जुलाई प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

कहते हैं लोग
अपने पिता की छवि हो
उनके जैसे ही; दिखती हो। 
 
कहते हैं लोग
अपने पिता की प्रतिबिंब हो
उनके जैसे ही; मेहनती हो। 
 
कहते हैं लोग
अपने पिता की प्रतिरूप हो
उनके जैसे ही; धैर्यवान, साहसी हो
 
कहते हैं लोग
अपने पिता की परछाईं हो
उनके जैसे ही; दयालु हो
 
कहते हैं लोग
अपने पिता की रूप हो, 
उनके जैसी ही; गुणवान, धार्मिक हो। 
 
सच कहते हैं लोग
अपने पिता की जैसी हो
उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलती हो। 

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