
केरल की पाठ्यपुस्तकों में त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ सम्मिलित
साहित्यकार एवं रेलवे इंजीनियर ‘त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ केरल राज्य की विभिन्न पाठ्यपुस्तकों में सम्मिलित की गयी हैं।
केरल सरकार की ‘राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा ‘निर्मित पाँचवी कक्षा की हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘केरल पाठावली हिंदी कक्षा-5 ‘भाग-2’ में ‘त्रिलोक सिंह ठकुरेला की कविता ‘पानी’ सम्मिलित की गयी है। इसके साथ ही केरल के एक निजी प्रकाशक द्वारा ‘राज्य पाठ्यक्रम के अनुसार प्रकाशित पाठ्यपुस्तक ‘सितारा सरल हिन्दी पाठमाला-5’ में त्रिलोक सिंह ठकुरेला की ‘हितकारी पेड़’ नामक कविता सम्मिलित की गयी है। निजी प्रकाशक द्वारा ही केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निर्धारित पाठयक्रम के अनुसार निर्मित पाठ्यपुस्तकों में भी त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ सम्मिलित की गयी हैं। कक्षा 5 की हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘पतंग सरल हिन्दी पाठमाला-5’ ‘में त्रिलोक सिंह ठकुरेला की ‘देवता की सीख’ नामक कहानी सम्मिलित की गयी है, जबकि कक्षा 6 की हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘पतंग सरल हिन्दी पाठमाला-6’ में ‘आओ मिलकर दीप जलाएँ’, कक्षा-7 की हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘पतंग सरल हिन्दी पाठमाला-7’ में ‘बादल’ एवं कक्षा-8 की हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘पतंग सरल हिन्दी पाठमाला-8’ में ‘तिरंगा’ नामक कविताएँ सम्मिलित की गयी हैं।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान साहित्य अकादमी एवं पण्डित जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी सहित अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ महाराष्ट्र राज्य की दसवीं कक्षा की हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘कुमार भारती’ तथा ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस की कक्षा-3 की हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘ऑक्सफ़ोर्ड एडवांटेज हिंदी पाठमाला भाग-2’ सहित पचास से अधिक पाठ्यपुस्तकों में सम्मिलित की गयी हैं। नया सवेरा, काव्यगंधा, समय की पगडण्डियों पर, आनन्द मंजरी और सात रंग के घोड़े त्रिलोक सिंह ठकुरेला की चर्चित कृतियाँ हैं। उल्लेखनीय है कि त्रिलोक सिंह ठकुरेला ने कुण्डलिया छंद को पुनर्स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है।