डॉ. सत्यवान सौरभ
रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, दिल्ली यूनिवर्सिटी,
कवि, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट
भिवानी, हरियाणा
फ़ेसबुक: https://www.facebook.com/saty.verma333
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लेखक की पुस्तकें
पुस्तक की उपलब्ध समीक्षाएँ (2)
पुस्तक की उपलब्ध समीक्षाएँ (1)
पुस्तक की उपलब्ध समीक्षाएँ (1)
लेखक की कृतियाँ
- काम की बात
- दोहे
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- अँधियारे उर में भरे, मन में हुए कलेश!!
- आशाओं के रंग
- उड़े तिरंगा बीच नभ
- एक-नेक हरियाणवी
- कायर, धोखेबाज़ जने, जने नहीं क्यों बोस!!
- क्यों नारी बेचैन
- गुरुवर जलते दीप से
- चलते चीते चाल
- टूट रहे परिवार!
- दादी का संदूक!
- देख दुखी हैं कृष्ण
- दो-दो हिन्दुस्तान
- पिता नीम का पेड़!
- फीका-फीका फाग
- बढ़े सौरभ प्रज्ञान
- बन सौरभ तू बुद्ध
- बैठे अपने दूर
- मंगल हो नववर्ष
- रोम-रोम में है बसे, सौरभ मेरे राम
- सहमा-सहमा आज
- हर दिन करवा चौथ
- हर दिन होगी तीज
- हरियाली तीज
- हिंदी हृदय गान है
- साहित्यिक आलेख
- सामाजिक आलेख
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- अगर जीतना स्वयं को, बन सौरभ तू बुद्ध!!
- घर पर मिली भावनात्मक और नैतिक शिक्षा बच्चों के जीवन का आधार है
- टेलीविज़न और सिनेमा के साथ जुड़े राष्ट्रीय हित
- तपती धरती, संकट में अस्तित्व
- दादा-दादी की भव्यता को शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता है
- नए साल के सपने जो भारत को सोने न दें
- रामायण सनातन संस्कृति की आधारशिला
- समय की रेत पर छाप छोड़ती युवा लेखिका—प्रियंका सौरभ
- समाज के उत्थान और सुधार में स्कूल और धार्मिक संस्थान
- सूना-सूना लग रहा, बिन पेड़ों के गाँव
- सोशल मीडिया पर स्क्रॉल होती ज़िन्दगी
- सांस्कृतिक आलेख
- ललित निबन्ध
- पर्यटन
- चिन्तन
- स्वास्थ्य
- सिनेमा चर्चा
- ऐतिहासिक
- कविता
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- ऑडियो
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