डॉ. शैलजा सक्सेना
शिक्षा: एम.ए, (हिंदी), एम.फिल, पीएच.डी. (हिंदी, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली) मानव संसाधन डिप्लोमा (ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट- मैक्मास्टर यूनिवर्सिटी, हैमिल्टन, कनाडा)
कार्य-अनुभव:
-
जानकी देवी कॉलेज-सन १९८९ से १९९८ तक हिन्दी विभाग में अध्यापन,
-
जीसस एंड मेरी कॉलेज, रविवारीय कक्षाएँ १९८८-१९८९,
-
स्पैक्ट्र्म हैल्थकेयर- मानव संसाधन विशेषज्ञ- २००६-२०१४,
-
निजी व्यवसाय- यू.एम.एस. इंटरनेशनल (२००१-२००८)- ऑंटोरियो-पुस्तकालयों में स्तरीय हिन्दी पुस्तक वितरण कार्य,
-
अमेरिका के ह्यूस्टन टैक्सस में आर्यसमाज मंदिर में हिंदी कक्षाएँ-(१९९८-२०००),
-
ओकविल मंदिर में ५ हिंदी कक्षाएँ प्रारंभ एवं संचालन- २००६-२००८
उपलब्धियाँ:
-
चार विश्वविद्यालयों में कहानी-दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातक पाठ्यक्रम २०२३, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के स्नातक पाठ्यक्रम २०२३ में, अम्बेडकर विश्वविद्यालय के बी.ए. पाठ्यक्रम में, दुर्गावती विश्वविद्यालय के बी.ए. पाठ्यक्रम में कहानी: ’लेबनॉन की वो रात’, ईटानगर विश्वविद्यालय में ’क्या तुमको भी ऐसा लगा?’, डॉ. मुक्ति शर्मा द्वारा संपादित ’प्रवासी कथा संसार- एक दृष्टिकोण’ में समीक्षा सहित कहानी- ’शार्त्र’ का संकलन, डॉ. मनोज मोक्षेन्द्र द्वारा कथा संग्रह की विस्तृत विवेचना- पुरवाई दिसम्बर,२०२३, डॉ. सुधांशु कुमार शुक्ला द्वारा साहित्यकुंज.नेट में समीक्षायें
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रस्तुति:
-
२०१४ और २०१५ में न्यूयार्क और न्यूजर्सी के “अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन” में कनाडा का प्रतिनिधित्व तथा “कनाडा में हिन्दी साहित्य”;
-
“कनाडा में नाटक लेखन और प्रस्तुति” पर पत्र प्रस्तुति तथा कविता और कहानी सभा में प्रस्तुति;
-
इंद्रप्रस्थ कॉलेज, हंसराज कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय-जनवरी २०२० में पत्र प्रस्तुत
अन्य साहित्यिक गतिविधियाँ:
-
पिछले १६ वर्षों से कैनेडा की सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था ’हिन्दी राइटर्स गिल्ड, कैनेडा’ की सह-संस्थापिका निदेशिका तथा इसके कार्यक्रमों की संकल्पनाकार और आयोजिका, गिल्ड ने १४ पुस्तकें प्रकाशित की, मासिक गोष्ठियाँ, सभ्यता और संस्कृति के बदलते परिप्रेक्ष्य, मुक्तिबोध, अज्ञेय, प्रसाद आदि प्रतिष्ठित कवियों पर विशेष संगोष्ठियाँ, कैनेडा और कैनेडा के बाहर हिन्दी सम्मेलनों में भाग लिया, विश्वरंग २०२० में ’कैनेडा विश्वरंग’ कार्यक्रम का अयोजन, जिसमें १० सत्रों के द्वारा कैनेडा के साहित्य और कार्यों की प्रस्तुति, २०२१-मैजिक मैन एन.चंद्रा फ़ेसबुक पेज द्वारा ’माँ भारती कविता-महायज्ञ- वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड-लंदन के लिए ऑफ़िशियल प्रयास’ में हिन्दी राइटर्स गिल्ड कैनेडा के ३८ कवियों की प्रस्तुति का संयोजन,
-
वैश्विक हिंदी परिवार के अनेक कार्यक्रमों में भागीदारी तथा उनकी अंतरराष्ट्रीय संयोजक;
-
वातायन यू.के की – “दो देश-दो कहानियाँ” की कैनेडा-संयोजक
-
हिंदी राइटर्स गिल्ड कैनेडा के फ़ेसबुक पेज पर अनेक वैश्विक कार्यक्रम संयोजन-संचालन
-
अनेक संस्थाओं के फ़ेसबुक पेज से कविताएँ, हाइकु, लघुकथाएँ, संस्मरण, प्रवासी हिन्दी साहित्य, कैनेडा में हिन्दी की स्थिति तथा रामकथा के अनेक पात्रों पर व्याख्यान
-
टैग टी.वी. पर ’साहित्य के रंग-शैलजा के संग’ https://www.youtube.com/watch?v=1QA0I2KCG0Y&t=26s कार्यक्रम में देश-विदेश के प्रख्यात साहित्यकारों के साथ साक्षात्कार,
-
हिन्दी राइटर्स गिल्ड कैनेडा के फ़ेसबुक पर पिछले वर्ष से नियमित वैश्विक स्तर के कार्यक्रमों के आयोजन और संचालन,
-
वैश्विक हिन्दी परिवार में अंतरराष्ट्रीय संयोजक
सम्मान:
-
"विश्व हिंदी सम्मान" २०२२, भारत सरकार द्वारा फीजी में आयोजित विश्व हिंदी सम्मेलन में, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान,
-
सरस्वती सम्मान तथा सावित्री सिन्हा स्मृति स्वर्णपदक- दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए. तथा एम.ए. में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए,
-
टोरोंटो में भारतीय कौंसलावास तथा अन्य हिन्दी की साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मान,
-
टोरोंटो की संस्था “डांसिग डैमसैल्स” के माध्यम से प्राविंशियल सरकार द्वारा “वूमैन अचीवर अवार्ड-२०१८” की प्राप्ति,
-
इंडो कैनेडियन आर्ट्स एंड कल्चर इनिशियेटिव (आई.सी.ए.सी.आई) की ओर से ’वुमैनहीरो’ अवार्ड-२०२१
प्रकाशित कृतियाँ, वर्ष एवं प्रकाशक:
पुस्तकें–
-
साहित्य अकादमी, दिल्ली द्वारा डॉ. कमलकिशोर गोयनका जी के मुख्य संपादन में प्रकाशनाधीन- तीन खंडों के “प्रवासी साहित्य” में एक खंड ’कथेतर प्रवासी साहित्य’ की संपादक (शीघ्र प्रकाश्य)
-
लेबनॉन की वो रात- प्रवासी कथा शृंखला में कहानी-संकलन, अयन प्रकाशन-२०२२
-
क्या तुमको भी ऐसा लगा? (काव्य-संग्रह), २०१४, हिन्दी राइटर्स गिल्ड, कनाडा से प्रकाशित, २०१४ द्वितीय संस्करण, अयन प्रकाशन, भारत
संग्रहों में प्रकाशित रचनायें:
-
डॉ. किरण खन्ना द्वारा संपादित “डॉ. निशंक के साहित्य में सामाजिक यथार्थ एवं युगबोध” में उनकी कहानी पुस्तक पर समीक्षात्मक लेख- २०२२
-
“अष्टाक्षर” (१९९२, काव्य-संग्रह) में आठ कवितायें
-
“काव्योत्पल”-२००९ (कविता-संग्रह) में कैनेडा के कवियों की कविताओं का संपादन और कविताओं का संकलन
-
“हाशिये उलांघती औरत: प्रवासी” २०१३ कहानी-संग्रह (रमणिका फाउंडेशन, दिल्ली) में कहानी
-
“इतर” कहानी-संग्रह (२०१५, नेशनल बुक ट्रस्ट) में कहानी तथा अन्य संग्रहों में कहानियाँ
-
वैश्विक रचनाकार: कुछ मूलभूत जिज्ञासायें- भाग २ (२०१७) में “साक्षात्कार” प्रकाशित
-
महात्मा गाँधी विश्वविद्यालय, वर्धा और ज्ञानपीठ से प्रकाशित ”विश्व में हिन्दी” पुस्तक में “कनाडा में हिन्दी” लेख
-
दिल्ली विश्वविद्यालय की ई-लर्निंग साइट (ILL) पर निर्मल वर्मा के “अंतिम अरण्य” लेख
-
अनेक लेख, कहानियाँ, हाइकु और कविताएँ अनेक संकलनों और पत्रिकाओं में संकलन
प्राक्कथन: “निर्मल भाव”- काव्य-संग्रह (निर्मलसिद्धू), “कही-अनकही”-काव्य-संग्रह (आशा बर्मन) “अमृत”- उपन्यास (जसबीर कालरवि), “मृगतृष्णा”- काव्य-संग्रह (भगवतशरण श्रीवास्तव), “भावनाओं के भँवर से”–काव्य-संग्रह (सविता अग्रवाल), “अम्बर बाँचे पाँती”-हाइकु-संग्रह (कृष्णावर्मा) डॉ. आरती लोकेश (दुबई) के कहानी संग्रह-’साँच की आँच’ आदि।
अनेक पत्र-पत्रिकाओं तथा वेबपत्रिकाओं में रचनायें: साहित्यकुंज. नेट में अनेक कवितायें, कहानियाँ, आलेख और समीक्षायें, सारिका, पाँचजन्य, शोधदिशा, क्षितिज, अनभै साँचा, गर्भनाल, साहित्यकुंज, रचनासमय, दस्तक, अनुभूति-हिन्दी.ओर्ग, अभिव्यक्ति-हिन्दी.ओर्ग, पुरवाई आदि
प्रकाशनाधीन: “अंत से पहले अनंतगाथा: भीष्म” (खंडकाव्य), प्रवासी लेखन पर लेख संग्रह
संपादन:
-
vaishvikhindi.com वेबसाइट की ‘संपादक’
-
साहित्यकुंज.नेट- वेब पत्रिका ५ विशेषांकों का संपादन- (सुषम बेदी, दलित साहित्य, तेजेन्द्र शर्मा, फीजी का हिन्दी साहित्य, कैनेडा का हिंदी साहित्य)
सह-संपादन:
-
२०२१- कृष्णकाव्य पीयूष (१५१ कविताओं का वैश्विक संकलन),
-
२०२०-रामकाव्य पीयूष (१५१ कविताओं का वैश्विक संकलन)
-
२०२०-ई-प्रकाशन-“सपनों का आकाश” –कैनेडा के ४१ कवियों का पद्यसंकलन,
-
२०२०- “संभावनाओं की धरती” (कैनेडा के २१ लेखकों का गद्यसंकलन)
-
“काव्योत्पल”- २००९ सह-संपादन-टोरोंटॊ के ३९ कवियों की रचनाएँ;
-
२०२२- केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा द्वारा दोनों संकलनों का प्रिंट प्रकाशन
अनुवाद: नए रास्ते-अंग्रेज़ी फ़िल्म ’न्यूमूव्स’ का हिन्दी अनुवाद और पात्रों को ले कर हिन्दी में प्रस्तुति, अनेक म्यूनिसिपल सरकारी अंग्रेज़ी प्रपत्रों और सूचनाओं का हिन्दी अनुवाद; कनेडियन पुस्तकालयों के अंग्रेज़ी प्रपत्रों का हिन्दी अनुवाद, ग्लूकोमा तथा अन्य बीमारियों की चेतावनी देनेवाले अंग्रेज़ी लेखों का हिन्दी अनुवाद, सुखांशी भाड़ंति आहि- मराठी नाटक का हिन्दी अनुवाद-उधार का सुख
नाट्य रूपांतरण/निर्देशन: अंधायुग, रश्मिरथी, मित्रो मरजानी, संत सूरदास-जीवन, संत जनाबाई, उनकी चिठ्ठियाँ, दूसरी दुनिया।
अभिनय: “अंधा युग” में गांधारी, “अपनी-अपनी पसंद” में माँ, “उनकी चिठ्ठियाँ” (तुम्हारी अमृता का संक्षिप्त रूप), आई एम स्टिल मी, उधार का सुख, दूसरी दुनिया
मेंटल और इमोशनल हैल्थ अवेयरनैस थ्रू आर्ट रेनैंसा (MEHAR) संस्था के साथ नाटक द्वारा डिप्रैशन आदि बीमारियों के बारे में प्रस्तुति, ’मन’ नामक प्रकाशित बहुभाषी पुस्तक में कविता
संप्रति: स्वतंत्र लेखन, “हिन्दी राइटर्स गिल्ड” की सह-संस्थापक निदेशिका; हिन्दी साहित्य सभा की आजीवन सदस्या और भूतपूर्व उपाध्यक्षा
निवास: (२२८८, डेलरिजड्राइव, ओकविल, कनाडा- एल ६ एम, ३ एल ५) 2288, Dale Ridge Dr. Oakville, Ontario-L6M 3L5
E-mail: shailjasaksena@gmail.com Phone no. 1-905-847-8663
लेखक की कृतियाँ
- लघुकथा
- साहित्यिक आलेख
-
- अंतिम अरण्य के बहाने निर्मल वर्मा के साहित्य पर एक दृष्टि
- अमृता प्रीतम: एक श्रद्धांजलि
- इसी बहाने से - 01 साहित्य की परिभाषा
- इसी बहाने से - 02 साहित्य का उद्देश्य - 1
- इसी बहाने से - 03 साहित्य का उद्देश्य - 2
- इसी बहाने से - 04 साहित्य का उद्देश्य - 3
- इसी बहाने से - 05 लिखने की सार्थकता और सार्थक लेखन
- इसी बहाने से - 06 भक्ति: उद्भव और विकास
- इसी बहाने से - 07 कविता, तुम क्या कहती हो!! - 1
- इसी बहाने से - 08 कविता, तू कहाँ-कहाँ रहती है? - 2
- इसी बहाने से - 09 भारतेतर देशों में हिन्दी - 3 (कनाडा में हिन्दी-1)
- इसी बहाने से - 10 हिन्दी साहित्य सृजन (कनाडा में हिन्दी-2)
- इसी बहाने से - 11 मेपल तले, कविता पले-1 (कनाडा में हिन्दी-3)
- इसी बहाने से - 12 मेपल तले, कविता पले-2 (कनाडा में हिन्दी-4)
- इसी बहाने से - 13 मेपल तले, कविता पले-4 समीक्षा (कनाडा में हिन्दी-5)
- कहत कबीर सुनो भई साधो
- जैनेन्द्र कुमार और हिन्दी साहित्य
- महादेवी की सूक्तियाँ
- साहित्य के अमर दीपस्तम्भ: श्री जयशंकर प्रसाद
- हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
- कविता
-
- अतीत क्या हुआ व्यतीत?
- अनचाहे खेल
- अभी मत बोलो
- अहसास
- आसान नहीं होता पढ़ना भी
- इंतज़ार अच्छे पाठक का
- एक औसत रात : एक औसत दिन
- कठिन है माँ बनना
- कविता पाठ के बाद
- कोई बात
- कोरोना का पहरा हुआ है
- क्या भूली??
- गणतंत्र/ बसन्त कविता
- गाँठ में बाँध लाई थोड़ी सी कविता
- घड़ी और मैं
- जीवन
- जेठ की दोपहर
- तुम (डॉ. शैलजा सक्सेना)
- तुम्हारा दुख मेरा दुख
- तुम्हारे देश का मातम
- पेड़ (डॉ. शैलजा सक्सेना)
- प्रतीक्षा
- प्रश्न
- प्रेम गीत रचना
- बच्चा
- बच्चा पिटता है
- बच्चे की हँसी
- बोर हो रहे हो तुम!
- भरपूर
- भाषा की खोज
- भाषा मेरी माँ
- माँ
- मिलन
- मुक्तिबोध के नाम
- युद्ध
- युद्ध : दो विचार
- ये और वो
- लिखने तो दे....
- लौट कहाँ पाये हैं राम!
- वो झरना बनने की तैयारी में है
- वो तरक्क़ी पसंद है
- वो रोती नहीं अब
- शोक गीत
- सपनों की फसल
- समय की पोटली से
- साँस भर जी लो
- सात फेरे
- सूर्योदय
- स्त्री कविता क्या है
- हाँ, मैं स्त्री हूँ!!
- हिमपात
- ख़ुशफहमियाँ
- ग़लती (डॉ. शैलजा सक्सेना)
- पुस्तक समीक्षा
- पुस्तक चर्चा
- नज़्म
- कहानी
- कविता - हाइकु
- कविता-मुक्तक
- स्मृति लेख
- विडियो
-
- फीजी में प्रकाशित कुछ हिन्दी की पुस्तकें
- डॉ. सुरेश ऋतुपर्ण जी से साक्षात्कार – फीजी का हिन्दी साहित्य और संस्कृति
- दलित साहित्य की चर्चा क्यों ज़रूरी है?- 1 सुशीला टाकभौरे जी से बातचीत
- दलित साहित्य की चर्चा क्यों ज़रूरी है? – 2 सुशीला टाकभौरे जी से बातचीत
- बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉक्टर हरीश नवल जी से एक मुलाक़ात
- हिन्दी चर्चा- राष्ट्रीय से अंतरराष्ट्रीय आयाम (लोकल से ग्लोबल)
- कविता का मंच बनाम मंच की कविता: एक बैठक प्रसिद्ध कवि श्री आलोक श्रीवास्तव जी के साथ - साहित्य के रंग
- आधे अधूरे का मंचन
- अनुवाद की चुनौतियाँ और ’समय की कसक’ पर संवाद - साहित्य के रंग
- स्त्री में कविता और कविता की स्त्रियाँ चर्चा में: प्रसिद्ध कवयित्री अनामिका - SAHITYA KE RANG
- विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच हिंदी: SAHITYA KE RANG
- कहानी की समझ और समझ के पैमाने: आलोचक डॉ.रोहिणी अग्रवाल से बातचीत - SAHITYA KE RANG @TAG TV
- कहानीकार डॉ. रोहिणी अग्रवाल और भुवनेश्वरी पांडे की कहानियों में स्त्री
- ‘कहानी और उपन्यास में भारतीय प्रवासी जीवन’ - साहित्य के रंग
- हाइकु के बारे में बातचीत
- ऑडियो
-