प्रदीप श्रीवास्तव

प्रदीप श्रीवास्तव

प्रदीप श्रीवास्तव

जन्म : लखनऊ में जुलाई, 1970
प्रकाशन :

उपन्यास–

‘मन्नू की वह एक रात’, ‘बेनज़ीर- दरिया किनारे का ख़्वाब, ‘अनसुनी यात्राओं की नायिकाएं, ‘वह अब भी वहीं है’, ‘क्षमा करना वृंदा’ 

कहानी संग्रह–

‘मेरी जनहित याचिका’, ‘हार गया फौजी बेटा’, ‘औघड़ का दान’, ‘नक्सली राजा का बाजा’ (‘शब्द निष्ठा पुरस्कार-२०२३’ से पुरस्कृत पुस्तक), ‘मेरा आखिरी आशियाना’, ‘वह मस्ताना बादल’, ‘मेरे बाबू जी’, ‘जेहादन’, ‘मोटकी ’, ‘प्रोफ़ेसर तरंगिता’
‘टेढ़ा जूता’ कहानी RVS COLLEGE OF ARTS AND SCIENCE (AUTONOMOUS) SULUR, COIMBATORE – 641 402. के पाठ्यक्रम में सम्मिलित। सिंधी भाषा में अनुवाद. आकाशवाणी लखनऊ से प्रसारित।
वरिष्ठ साहित्यकार श्री दयानन्द पांडेय द्वारा सम्पादित तीन सदी के एक सौ पिचहत्तर कथाकारों की कहानियों के संकलन ‘कथा लखनऊ’ (दस खण्ड) के नौवें खण्ड में ‘हार गया फ़ौजी बेटा’ कहानी सम्मिलित।

कथा संचयन- 

  • मेरी कहानियाँ-खंड एक जून २०२२ में प्रकाशित

नाटक– खंडित संवाद के बाद

कहानी एवं पुस्तक समीक्षाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित

संपादन :"हर रोज़ सुबह होती है" (काव्य संग्रह) एवं "वर्ण व्यवस्था" पुस्तक का संपादन

पुरस्कार:

  • ‘मातृभारती रीडर्स च्वाइस अवॉर्ड’-२०२० विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली में प्रदान किया गया। 

  • ‘उत्तर प्रदेश साहित्य गौरव सम्मान’-२०२२ बरेली, उत्तर प्रदेश में प्रदान किया गया। 

  • डॉ. रमाकांत श्रीवास्तव स्मृति ‘कहानी सम्राट सम्मान’-२०२३ हिंदी संस्थान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में प्रदान किया गया। 

  • ‘शब्द निष्ठा पुरस्कार’-२०२३ अजमेर, राजस्थान में प्रदान किया गया। 

संप्रति : लखनऊ में ही लेखन, संपादन कार्य में संलग्न
सम्पर्क : pradeepsrivastava.70@gmail.com
मोबाइल नं. : 09919002096, 07839317072

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