भीतर से मैं कितनी खाली

भीतर से मैं कितनी खाली  (रचनाकार - देवी नागरानी)

24. लम्स

 

किसी के लम्स से
बदन कसमसाने लगे
तो ज़ाहिर है
दिल पर प्यार की आहट दस्तक दे रही है
गर बदन सिहरने लगे
तो ज़ाहिर है
दिल के दरवाज़े पर डर ने दस्तक दी है। 

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