संपादकीय - कृपया मुझे कुछ ज्ञान दें!
साहित्य कुञ्ज के इस अंक में
कहानियाँ
गुनी गिटकू और चंट-चुड़ैल
मूल कहानी: इल् बैम्बीनो नेल साको; चयन एवं पुनर्कथन: इतालो कैल्विनो अंग्रेज़ी में अनूदित: जॉर्ज मार्टिन (पेटी पीट वर्सेस विच बी विच); पुस्तक का नाम: इटालियन फ़ोकटेल्स; हिन्दी में अनुवाद: ‘गुनी गिटकू और चंट-चुड़ैल’ सरोजिनी पाण्डेय गिटकू एक आगे पढ़ें
ख़ुशियों वाली नदी
स्थूल रूप से तो वे बस में बैठे थे, लेकिन मानसिक रूप से वे अपने अतीत की चट्टानी गुफ़ा में यहाँ-वहाँ भटकते हुए लहुलुहान हुए जा रहे थे। अभी परसॊं की ही तो बात है। सुबह की कुनकुनी धूप आगे पढ़ें
हास्य/व्यंग्य
आईने की व्यथा
एक बार सभी आइने अपनी उपेक्षा से दुखी होकर मृत्यु लोक से विदा लेकर स्वर्ग लोक में चले गए! वहाँ सृष्टि के निर्माता ब्रह्मा जी को अपनी व्यथा सुनाने लगे। उन सबकी लबर-झबर से उकता कर ब्रह्मा जी ने उनमें आगे पढ़ें
उनको अखरता है रावण का जलना
“रावण का यह अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान।” “अरे ये कैसा नारा है भाई? “ये नारा नहीं, आह्वान है भाईसाऽऽऽहब, आह्वान!” “यह कैसा आह्वान?” “रावण के दहन को लेकर हमारी भावनाएँ आहत हो रहीं हैं। इसको तत्काल बंद किया जाय। आगे पढ़ें
गर्व की वजह
घर से निकलते ही, आज सुबह सुरेश का लड़का मिल गया। कहने लगा कि आज तो गजबै हो गया अंकल जी। मैंने कहा कि क्या हुआ, बड़े प्रसन्न दिख रहे हो। प्रत्युत्तर में उसने दाहिनी तरफ़ झुकते हुए पान आगे पढ़ें
छोटी दिवाली
दीवाली दो होती हैं—बड़ी दीवाली और छोटी दीवाली। कब से दीवाली को इस तरह विभाजित किया गया है, इसकी जानकारी तो नहीं है, लेकिन मुझे लगता है इसका भी कोई राजनीतिक कारण होगा। शायद एक माँग उठी होगी जैसे पाकिस्तान आगे पढ़ें
टट्टी ख़त्म
गोबर को सरकार ने टट्टी इस इरादे से सेंक्शन की थी कि वह अपने परिवार के साथ इधर-उधर शौच न करे। क्योंकि पहले ही उसका गाँव शौच से ठसाठसा भर चुका था। जबसे सरकार ने गोबर को मुफ़्त का आगे पढ़ें
आलेख
अब्दुरौफ़ फ़ितरत और एक भारतीय यात्री की गाथा
अब्दुरौफ़ फ़ितरत। ʿABD-AL-RAʾŪF FEṬRAT BOḴĀRĪ। Abdurauf Abdurahimov का जन्म सन् 1886 में वर्तमान उज़्बेकिस्तान के बुखारा में हुआ। सिर्फ़ 52 वर्ष की आयु में 04 अक्टूबर सन् 1938 में आप की मृत्यु ताशकंद में हुई। आप की उच्च शिक्षा इस्तांबुल आगे पढ़ें
चिकित्सा और प्रौद्योगिकी में परिवर्तनकारी साबित होगा नए प्रोटीन का निर्माण
(प्रोटीन विज्ञान क्रांति) उभरते हुए साक्ष्य दर्शाते हैं कि प्रोटीन-डिज़ाइन तकनीकों की यह नई नस्ल ऐसे प्रोटीन बना सकती है जो अन्य प्रोटीन से जुड़ते हैं। यह जीव विज्ञान में प्रोटीन फ़ंक्शन को मॉड्यूलेट करने की एक महत्त्वपूर्ण रणनीति आगे पढ़ें
दीपावली: पौराणिक और ऐतिहासिक व्याख्या
दीपावली मूलतः एक संस्कृत शब्द है जो दो शब्दों से मिलकर बना है ‘दीप’और ‘अवली’। ‘दीप’ का तात्पर्य यहाँ पर दीपक से है जो हमें प्रकाश प्रदान करता है और ‘अवली’ का अर्थ है ‘पंक्ति’। इस प्रकार दीपावली के आगे पढ़ें
नीदरलैंड नदियों का देश
नीदरलैंड जिसे हॉलैंड के नाम से भी जाना जाता है; नीदरलैंड यूरोपीय साम्राज्य का प्रमुख देश है। यह उत्तरी-पूर्वी यूरोप में स्थित है। इसकी उत्तरी तथा पश्चिमी सीमा पर उत्तरीय समुद्र स्थित है। इसके दक्षिण में बेल्जियम एवं पूर्व आगे पढ़ें
बच्चों के लिए मोबाइल फोन देना लाभदायक है या हानिकारक है?
परिचर्चा आज मोबाइल हम सबके जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। व्यक्ति के लिए मोबाइल इतना ज़रूरी हो गया है कि थोड़ी देर के लिए व्यक्ति को इससे अलग कर दिया जाए, तो लगता है, जैसे शरीर आगे पढ़ें
भगवद गीता और योग दर्शन
भगवद गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह जीवन के गूढ़ रहस्यों को उजागर करने वाला एक अद्वितीय दर्शन है। योग, दर्शन और गीता—इन तीनों का भारतीय संस्कृति और जीवन पर गहरा प्रभाव है। योग शरीर और आगे पढ़ें
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र और नर्मदाशंकर लालचंद दवे के नाटकों में व्यंग्यात्मक सम्प्रेषण
हिन्दी साहित्य और गुजराती साहित्य के नाट्य लेखन के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण स्थान रखनेवाले भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (1850-1885) और नर्मदाशंकर लालचंद दवे (1833-1886) हिन्दी साहित्य के नाट्य लेखन और गुजराती साहित्य के नाट्य तथा गद्य लेखन में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते आगे पढ़ें
मानवता को हलाल करती जानवरों की चर्बी की हॉरर स्टोरी
विषय टेलो और लार्ड कही जाने वाली चर्बी के विज्ञान का है। पर शुरूआत एक ऐसे विवादित मामले से करते हैं, जिसने भारत में भारी उहापोह मचा दिया था। संसद में कई दिनों तक इस मामले पर तनाव भरी आगे पढ़ें
लाइक-कमेंट के चक्कर में मौत की रील
सोशल मीडिया के चलते बच्चों और युवाओं में सामाजिक दिखावे की प्रवृत्ति तेज़ी से बढ़ रही है। युवा फ़ॉलोअर्स बढ़ाने के लिए एक-दूसरे की देखादेखी कर रहे हैं। उन्हें नहीं पता होता कि इसका नतीजा क्या होगा। उन्हें वास्तविकता आगे पढ़ें
वेदांत: धर्म, संस्कार, मूल्यों और वैदिक संस्कृति का सार
मानव मन की सारी गतिविधियों और क्रियाकलापों का संचालन केंद्र मन संस्थान है। मानव का संपूर्ण जीवन विचारों से संचालित होता है और उन्हीं विचारों के अनुरूप वह आचरण करता है; जो कि उसके कर्म बनते हैं और उसी आगे पढ़ें
साहित्य, टेक्नोलॉजी और हम
साहित्य की रचना में टेक्नोलॉजी की बात अब ज़रा भी नई नहीं है। भविष्य में अनेक मोर्चे पर टेक्नोलॉजी और मनुष्य का आमना-सामना होता रहेगा। उनमें से एक मोर्चा साहित्य का भी है। साहित्य की रचनात्मकता को अनन्य मानव अभिव्यक्ति आगे पढ़ें
समीक्षा
तीर्थाटन के बाद-बेटों वाली विधवा
इक्कीसवीं शती की पूर्व संध्या, यानी मार्च 1999 की हँस पत्रिका में अमरीक सिंह दीप की कहानी ‘तीर्थाटन’ प्रकाशित हुई थी। उसी को लेखक ने ‘तीर्थाटन के बाद’ शीर्षक से औपन्यासिक आकार दिया, जो अमन प्रकाशन कानपुर से 2019 में आगे पढ़ें
दुष्यंत के पहले के ग़ज़लकार: राधेश्याम कथावाचक
समीक्षित पुस्तक: पंडित राधेश्याम कथावाचक की ग़ज़लें संपादक: हरिशंकर शर्मा प्रकाशक: बोधि प्रकाशन जयपुर 6 संस्करण वर्ष: 2024 मूल्य: ₹200.00 पृष्ठ: 150 जब भी हिंदी ग़ज़ल की बात चलती है, तो हमारा ध्यान अकस्मात् दुष्यंत की तरफ़ जाता है। यह आगे पढ़ें
प्रमोद भार्गव की चुनिंदा कहानियाँ: एक अंतर्यात्रा
समीक्षित पुस्तक: प्रमोद भार्गव की चुनिंदा कहानियाँ लेखक: प्रमोद भार्गव प्रकाशन वर्ष: 2024 प्रकाशक: प्रवासी प्रेम पब्लिशिंग, गाजियाबाद, भारत। मूल्य: ₹535.00 पृष्ठ संख्या: 294 ISBN: 978-8197051159 हिंदी साहित्य जगत में प्रमोद भार्गव एक ऐसा नाम है जिनकी साहित्यिक रचनात्मकता उनके आगे पढ़ें
सोई हुई संवेदनाओं को जाग्रत करता—पीपल वाला घर
समीक्षित पुस्तक: पीपल वाला घर (काव्य संग्रह) रचयिता: रमेश कुमार सोनी प्रकाशक: जिज्ञासा प्रकाशन गाजियाबाद प्रथम संस्करण -2023 मूल्य: ₹200.00 पृ.: 130 छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल और कई अन्य पर्यावरणीय संस्थानों के साथ मिलकर विभिन्न गतिविधियों को सम्पन्न करने वाले आगे पढ़ें
संस्मरण
याद आते हैं मटियानी जी
आज से कोई चार दशक पहले, सन् 1983 में ज़िन्दगी के तमाम बेतरतीब मोड़ों, आकस्मिक पड़ावों, यहाँ-वहाँ की भटकन और सुख-दुख भरी स्थितियों से गुज़रकर मैं दिल्ली आया। तब भी जीवन की अजीबो-ग़रीब मुश्किलों का सिलसिला तो ख़त्म नहीं हुआ, आगे पढ़ें
कविताएँ
शायरी
समाचार
साहित्य जगत - विदेश
डॉ. मनीष कुमार मिश्रा उज़्बेकिस्तान में खोज रहे हैं हिंदी की..
माना जाता है कि दूसरी शताब्दी के आस पास कुछ घुमंतू जातियाँ मध्य एशिया, अफ़्रीका, यूरोप और अमेरिका की तरफ़…
आगे पढ़ेंउज़्बेकिस्तान में एक दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद संपन्न
बुधवार, दिनांक 18 सितंबर 2024 को लाल बहादुर शास्त्री संस्कृति केन्द्र, ताशकंद, उज़्बेकिस्तान में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद…
आगे पढ़ेंवैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा का योगदान विषयक त्रि-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय..
त्रिनिदाद यात्रा से डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा की रिपोर्ट हिंदी है हृदय की भाषा: रेणुका संग्रामसिंह सुखलाल व्यावहारिक स्तर पर हिंदी…
आगे पढ़ेंसाहित्य जगत - भारत
दीप्ति जी के पात्र अपने वुजूद के लिए नहीं बल्कि जीवनमूल्यों..
जाने-माने आलोचक डॉ. कौशलनाथ उपाध्याय द्वारा सम्पादित आलोचना ग्रन्थ ‘कथाकार दीप्ति कुलश्रेष्ठ: सृजन के विविध आयाम’ के लोकार्पण का…
आगे पढ़ेंबृजलोक अकादमी द्वारा सत् साहित्य भेंट
फतेहाबाद। स्वतंत्रता दिवस के स्वर्णिम अवसर पर एस.के.जी. पब्लिक स्कूल ग्राम रिहावली के प्रबंधक महोदय होतम सिंह को बृजलोक…
आगे पढ़ेंप्रवीण प्रणव की पुस्तक ‘लिए लुकाठी हाथ’ पर चर्चा संपन्न
हैदराबाद, 8 अगस्त, 2024— “समीक्षा अपने आप में बेहद जटिल और ज़िम्मेदारी भरा काम है। कोई भी समीक्षा कभी…
आगे पढ़ेंसाहित्य जगत - भारत
चेतना साहित्य मंच के बैनर तले पुस्तक विमोचन समारोह
गाडरवारा की भूमि साहित्य की रत्नगर्भा भूमि है—श्रीमती स्थापक महाराणा प्रताप कॉलेज के ऑडिटोरियम में चेतना साहित्य मंच…
आगे पढ़ेंचित्रकला के माध्यम से बिखेरे मन के रंग
अलीगढ़। ‘अभिनव बालमन’ द्वारा मांती बसई स्थित ‘बोहरे द्वारिका प्रसाद शर्मा इंटर कॉलेज’ में ‘मेरा मन मेरे रंग’ का…
आगे पढ़ेंनदलेस ने की लोकार्पण एवं काव्य पाठ गोष्ठी
दिल्ली। नव दलित लेखक संघ, दिल्ली के तत्वावधान में लोकार्पण एवं काव्य-पाठ गोष्ठी का आयोजन किया गया। सलीमा जी…
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