• विशेषांक

    कैनेडा का हिंदी साहित्य
    कैनेडा का हिंदी साहित्य कैनेडा का नाम भारत में और विशेष रूप से पंजाब प्रांत में बहुत आत्मीयता से लिया जाता है।.. आगे पढ़ें
आईना
लेखक: डॉ. आरती स्मित - आईना

साहित्य कुञ्ज के इस अंक में

कहानियाँ

अभागी रानी का बदला

  मूल कहानी: ल् पलाज़ा डेला रेज़िना बनाटा; चयन एवं पुनर्कथन: इतालो कैल्विनो अंग्रेज़ी में अनूदित: जॉर्ज मार्टिन (पैलेस ऑफ़ द डूम्ड क्वीन); पुस्तक का नाम: इटालियन फ़ोकटेल्स;  हिन्दी में अनुवाद: सरोजिनी पाण्डेय प्रिय पाठक, इस अंक में जो लोक आगे पढ़ें


ईर्ष्या 

  एक पेड़ की शाखा पर बैठे हुए कुछ पक्षी आपस मेंं बातचीत कर रहे थे। उसी पेड़ की दूसरी शाखा पर बैठे तोते की और इशारा करते हुए कोयल बोली, “यह तोता तो पूरा भक्त है, इसने कभी ज़िन्दगी आगे पढ़ें


एक और नई कहानी 

“और आप ने उन्हें माफ़ कर दिया शांता दी? साँप की तरह जिसने अपनी औलाद को डस लिया . . . उसे? और आपका जीवन? कुछ मूल्य है उसका आपकी नज़रों में? इतना घिनौना काम करके वह कैसे माफ़ी के आगे पढ़ें


झँकवैया

  मैं जानती हूँ मेरी पीठ पीछे लोगों ने मुझे तीन-तीन नाम दे रखे हैं; गपिया, गौसिप और झँकवैया।  आप सोचते हैं मैं दूसरों की एकांतता पर अतिक्रमण करती हूँ? उनके भेद जानने और खोलने का मुझे चाव है? या आगे पढ़ें


दरार

  लॉन में अख़बार पढ़ते हुए निलेश से रंजना ने पूछा था . . . “क्या तुम चाय पीना चाहोगे? . . .  “मैं अपने लिए बनाने जा रही थी। सोचा एकबार तुमसे भी पूछ लेती हूँ।वरना मेरी शिकायतों के आगे पढ़ें


दान

  बच्चों की सर्दियों की छुट्टियाँ चल रही थीं। पूरा पार्क महिलाओं और बच्चों से भरा पड़ा था। सोचा किसी दूसरी तरफ़ घूम लेता हूँ।  चलते-चलते सब्ज़ी मंडी की तरफ़ निकल गया। कुछ क़दम आगे बढ़ा ही था कि गाय, आगे पढ़ें


प्रायश्चित

  खिड़की जाली से टकराती हल्की-हल्की रोशनी पर्दे से छन-छनकर कमरे के भीतर आ रही थी। उमस तो थी, मगर मौसम गर्म नहीं कहा जा सकता था। बारिश के आसार नज़र आ रहे थे, मगर बूँदों ने तो घंटों पहले आगे पढ़ें


बारहवीं पास

  मंजू ने दरवाज़ा खटखटाया और आगे से प्रिया ने दरवाज़ा खोला। प्रिया का चेहरा दुःख से भरा हुआ, आँखें सूजी हुई और घर का माहौल ग़मगीन लग रहा था। मंजू ने अपने हाथ में रखा हुआ मिठाई का डिब्बा आगे पढ़ें


भुलावा

  “स्मृति हमारी आत्मा के उसी अंश में वास करती है जिसमें कल्पना।” (मेमोरी बिलोंग्स टू द सेम पार्ट ऑफ़ द सोल एज इमेजिनेशन।)—अरस्तू  हरिगुण को मैंने फिर देखा।  रश्मि के दाह-संस्कार के अंतर्गत जैसे ही मैंने मुखाग्नि दी, उसकी आगे पढ़ें


ये कैसा तेरा देश है बेटा?

  और अंतत: रोहित ने बाबूजी और अम्मा को राज़ी कर ही लिया अपने साथ पूना चलने के लिए दूरदराज़ देहात में रहने वाले प्रकांड पंडित पक्के कर्मकांडी विद्याधर जोशी जी को सारा गाँव क्या आसपास के ८-१० गाँव के आगे पढ़ें


सम्बन्ध 

  “अरे वाह! आ गई!” डोर बेल्ल की आवाज़ सुन दीपक बाबू ने दरवाज़ा खोला, सामने पत्नी खड़ी थी।  “क्लिनिक में आज ज़्यादा भीड़ नहीं थी। चश्मा भी मिल गया,” पचपन वर्ष की सुधा ने कमरे के अंदर घुसते ही आगे पढ़ें


हास्य/व्यंग्य

एमबीबीएस बनाम डीआईएम

  डॉक्टर साहब हैरान, परेशान, और हों भी क्यों ना? एमबीबीएस की डिग्री एक तरफ़ और झोला-छाप एक तरफ़! डीआईएम; यह क्या होता है, यह कौन सी डिग्री है? यह ऐसी डिग्री है जिसमें क्लास में जाए बिना ही आप आगे पढ़ें


पंडित होशियार चंद बेढंगा

  नर्मदापुरम बाबू, बाबाओं और पण्डितों का नगर है। पुण्यनगरी में चहुँ ओर दानी धर्मात्माओं का ताँता लगा होने से यहाँँ दान-पुण्‍य के विपुल भण्‍डार पहाड़ों की शक्ल में मौजूद हैं। लेकिन कुछ लकीर के फ़क़ीर पंडित हैं जो अपने आगे पढ़ें


सियासी गंगा में डुबकी लगाइए और पवित्र हो जाइए 

देखिए! आप कितना भी पाप करिए, लेकिन एक बार गंगा स्नान कर लीजिए सारे पाप धूल जाएँगे। हमारे यहाँ तो यहाँ तक कहा गया है कि गंगा दर्शन मात्र से हमारी मुक्ति हो जाती और सारे पाप धुल जाते हैं। आगे पढ़ें


हम जनसेवक हूँ

  मेरे देश के लोगों और लुगाइयों यानी माताओं-पिताओं, भाइयो-भौजाइयो, बहनो-बहनोइयो आदि-आदि–हम आप सब लोगन का बहुत-बहुत आभारी हूँ। आप सब लोगन को यह जानकर बहुत खुशी होगी कि हम चुनाव में हो रहा हूँ। किस्सा यूँ रहा कि पहले आगे पढ़ें


आलेख

क्या लघुपत्रिकाओं ने अब अपना चरित्र बदल लिया है? 

  आज के समय में मुख्यधारा की पत्रिकाएँ व अख़बार, कॉर्पोरेट जगत व सम्राज्यवादी ताक़तों के प्रभाव में समाहित हो रहे हैं। इस वजह से देश के चौथे स्तंभ के प्रति पाठकों में संशय उत्पन्न होता जा रहा है। कुछ आगे पढ़ें


दूध और पानी की मैत्री (अधबीच)

दूध और पानी आपस में गहरे मित्र है। ग्वालों के घर पैदा हुआ हूँ इसलिए गायों की प्रकृति को समझता हूँ, वहीं गाय जो हमें अमृत रूपी दूध देती है उस दूध और पानी की मित्रता तथा आपसी प्रेम को आगे पढ़ें


नव निर्माण 

  शिव व शिक्षा की कृपा से जीवन में सुख, शान्ति, समृद्धि सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है। जब शिव कृपा करते हैं तो जीव स्वतः ही मेहनत करने लग जाता है, और मेहनत हमें सुखद फल प्रदान करती आगे पढ़ें


मीडिया के जन अदालत की ओर बढ़ते क़दम 

  भारत में समाचार पत्रों-पत्रिकाओं का प्रारंभ उन्नीसवीं सदी में जनकल्याण के उद्देश्य से हुआ था। जनता को जानकारी उपलब्ध कराना इसकी महत्त्वपूर्ण प्रतिबद्धता थी। अंग्रेज़ी शासन में सरकार ने जनता को अपनी काली करतूतों से अनभिज्ञ रखने के लिए आगे पढ़ें


स्वाध्याय ही जीवन की वास्तविक सम्पत्ति

  स्वाध्याय—स्वयं का अध्ययन एवं विचारों काअवलोकन करना, ज्ञान स्रोत को जागृत करने हेतु अच्छा साहित्य पढ़ना, स्वयं के ज्ञान रूपी मक्खन को सामाजिक तौर पर प्रवाहित होने देना, परोपकार की दिशा की ओर ले जाना, हमारे भीतर हमारी चेतना आगे पढ़ें


हनुमान जन्मोत्सव पर सुंदरकांड विशेष

  हिंदू पंचांग के अनुसार, हनुमान जन्मोत्सव हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 23 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस बार हनुमान जन्मोत्सव मंगलवार को पड़ने से यह और आगे पढ़ें


हिंदी ग़ज़लों में अंग्रेज़ी के तत्त्व

  हिंदी भारत ही नहीं विश्व की एक महत्त्वपूर्ण संवाद की भाषा है। एक भाषा के साथ यह हमारी अस्मिता और सांस्कृतिक मूल्यों की निशानी भी है। इसके पास एक समृद्ध व्याकरण, भाषा और काव्यशास्त्र तथा अन्य भाषाओं के शब्दों आगे पढ़ें


समीक्षा

इतिहास की परतों को उधेड़ कर लिखी कहानी 'रॉबर्ट गिल की पारो'

इतिहास की परतों को उधेड़ कर लिखी कहानी 'रॉबर्ट गिल की पारो'

समीक्षित कृति: रॉबर्ट गिल की पारो (उपन्यास) लेखिका: प्रमिला वर्मा  प्रकाशक: किताब वाले  मूल्य: ₹1800  रॉबर्ट गिल और उसकी पारो के विषय में मैंने कभी नहीं सुना था और मुझे विश्वास है कि इस उपन्यास को पढ़ने से पहले मेरे आगे पढ़ें


जीवन एक बहती धारा . . .

जीवन एक बहती धारा . . .

समीक्षित पुस्तक: चलो फिर से शुरू करें (कहानी संग्रह) लेखक: सुधा ओम ढींगरा प्रकाशक: शिवना प्रकाशन, सीहोर, मप्र 466001 प्रकाशन वर्ष: 2024   लगातार साहित्य लेखन से जुड़ी सुधा ओम ढींगरा अपने नवीन कहानी संग्रह ‘चलो फिर से शुरू करें’ के आगे पढ़ें


तज कर चुप्पी हल्ला बोल: ग़ज़ल में बोध और विरोध का स्वर

तज कर चुप्पी हल्ला बोल: ग़ज़ल में बोध और विरोध का स्वर

समीक्षित पुस्तक: तज कर चुप्पी हल्ला बोल (ग़ज़ल संग्रह)  लेखक: रवि खण्डेलवाल प्रकाशक: श्वेतवर्णा प्रकाशन, नई दिल्ली-110041 मूल्य: ₹160। 00 पृष्ठ संख्या: 128 ISBN: 978-81-96190-74-3 पुस्तक प्राप्त करने के लिए क्लिक करें रवि खंडेलवाल ख़ालिस ग़ज़ल के शायर नहीं हैं, आगे पढ़ें


तेजेन्द्र शर्मा : अनुभूतियां और कथा में उनका विस्तार

तेजेन्द्र शर्मा : अनुभूतियां और कथा में उनका विस्तार

समीक्षित पुस्तक: संदिग्ध (कहानी संग्रह) लेखक: तेजेन्द्र शर्मा प्रकाशक: शिवना प्रकाशन प्रकाशन वर्ष: 2024 कुल पृष्ठ: 184+ मूल्य: ₹300 अमेज़न पर उपलब्ध    तेजेन्द्र शर्मा की कहानियों में विश्वव्यापी स्पंदनशील समाज और ज़िंदग़ी की इतनी पर्तें होती हैं कि उन्हें आगे पढ़ें


नारी-विमर्श और नारी उद्यमिता के नए आयाम गढ़ता उपन्यास: ‘बेनज़ीर: दरिया किनारे का ख़्वाब’

नारी-विमर्श और नारी उद्यमिता के नए आयाम गढ़ता उपन्यास: ‘बेनज़ीर: दरिया किनारे का ख़्वाब’

समीक्ष्य कृति: बेनज़ीर-दरिया किनारे ख़्वाब  लेखक: प्रदीप श्रीवास्तव  प्रकाशक:भारतीय साहित्य संग्रह, नेहरू नगर, कानपुर-२०८०१२ २४, लॉकवुड ड्राइव, प्रिंसटन, न्यूजर्सी, यू, एस. ए.    ‘बेनज़ीर: दरिया किनारे का ख़्वाब’ प्रदीप श्रीवास्तव का बहुचर्चित उपन्यास है, जो अगस्त 2023 में भारतीय साहित्य आगे पढ़ें


रंगीन सपनों का गुलदस्ता

रंगीन सपनों का गुलदस्ता

पुस्तक: अंतर्दृष्टि–2  पृष्ठ: 53  मूल्य: ₹200 लेखिका: श्यामा सिंह  प्रकाशक: श्री उदय वीर सिंह बहुत दिनों के बाद वैचारिक तथ्यों से भरपूर, रोचक, मनोरंजक पुस्तक हाथ में आई—अंतर्दृष्टि-2। इससे पूर्व श्यामा जी रचित ‘अंतरदृष्टि-1’ से हम काफ़ी प्रभावित हुए थे। आगे पढ़ें


सबसे अपवित्र शब्द 'पवित्र' है

सबसे अपवित्र शब्द 'पवित्र' है

समीक्षित पुस्तक: ज़ोया देसाई कॉटेज (कहानी संग्रह) लेखक: पंकज सुबीर प्रकाशक : शिवना प्रकाशन, सीहोर (म.प्र.) ‘ज़ोया देसाई कॉटेज’ कथाकार, ग़ज़लकार, व्यंग्यकार और संपादक पंकज सुबीर का सद्यः प्रकाशित कहानी संग्रह है। इससे पहले उनके ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’, ‘महुआ घटवारिन आगे पढ़ें


संस्मरण

उसने सहसा मेरा माथा चूम लिया

  शायद मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ता था। इससे पहले मेरा पढ़ने-लिखने से कम ही सरोकार था। बस! खेलना कूदना, साथियों के साथ मार-पीट करना, प्रत्येक पर अपनी बात मनवाना, जाने क्या-क्या मेरी शरारतों में शामिल था। पूरा गाँव परेशान आगे पढ़ें


वडोदरा में एक दिन

  गृहस्थ जीवन के सांसारिक उत्तरदायित्वों को पूरा कर लेने के बाद वानप्रस्थ जीवन का आरंभ होता है। वानप्रस्थ का अर्थ है-वन में अपना निवास बना लेना! तथाकथित विकास और आधुनिकता के चलते वैदिक-सनातन काल के वनों का रूप बदलता आगे पढ़ें


स्व. श्री ज्ञानेन्द्र शर्मा सदा याद आयेंगे

  स्व. श्री ज्ञानेन्द्र शर्मा के मन में समाज के प्रति संवेदना की दृष्टि और सृष्टि:  वीर भूमि बुन्देलखंड में क्रांति की काशी झांसी जनपद के मऊरानीपुर में जन्मे श्री ज्ञानेन्द्र शर्मा ने क़लम की साधना से अपना विराट व्यक्तित्व आगे पढ़ें


अन्य

एक माँ का अपने बेटे के नाम ख़त

प्रिय बेटा,  शुभाशीष आशा करती हूँ कि अब तुम्हारा परिवार ख़ुशहाल ज़िंदगी जी रहा होगा। मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम लोग के साथ है और रहेगा। अगर कभी फ़ुर्सत निकालकर तुम लोग हमसे मिलने आ जाओ तो हमें बहुत ख़ुशी होगी। आगे पढ़ें


साक्षात्कार

समाज को जगाने के लिए टॉर्चबियरर की तरह से होता है साहित्यकार –नीरजा माधव 

समाज को जगाने के लिए टॉर्चबियरर की तरह से होता है साहित्यकार –नीरजा माधव 

साहित्य की अनेक विधाओं में अपनी क़लम से चमत्कृत करने वाली हिंदी साहित्यकार डॉ. नीरजा माधव पाठकों के मध्य जितनी लोकप्रिय हैं, उतनी ही साहित्य मनीषियों द्वारा प्रशंसित भी रही हैं। आपके उपन्यास ‘यमदीप’, ‘तेभ्य स्वधा’, ‘गेशे जम्पा’, ‘अनुपमेय शंकर’, आगे पढ़ें


कविताएँ

शायरी

समाचार

साहित्य जगत - विदेश

वातायन-यूके प्रवासी संगोष्ठी-174

वातायन-यूके प्रवासी संगोष्ठी-174

1 Apr, 2024

    टैगोर ने अपनी पहली कविता ब्रज भाषा में ही लिखी थी—अनिल शर्मा जोशी    लंदन: 31 मार्च, 2024: ‘बोलियों…

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प्रो. रेखा शिक्षण जगत की एक शख़्सियत हैं–अनिल शर्मा जोशी

प्रो. रेखा शिक्षण जगत की एक शख़्सियत हैं–अनिल शर्मा जोशी

4 Mar, 2024

(‘वातायन-यूके’ की 168वीं संगोष्ठी का आयोजन)  लन्दन, दिनांक 02-03-2024: ‘वातायन-यूके’ के तत्वावधान में दिनांक 02-03-2024 को इस वैश्विक मंच की…

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बैरोनेस श्रीला फ़्लैदर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित

बैरोनेस श्रीला फ़्लैदर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित

19 Feb, 2024

  लंदन, 19 फरवरी 2024: साहित्यिक और सांस्कृतिक मंच ‘वातायन-यूके’ द्वारा दिनांक: 17-02-2024 को आयोजित 166 वीं संगोष्ठी में बैरोनेस…

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साहित्य जगत - भारत

अश्विनी कुमार दुबे के कहानी संग्रह ‘आख़िरी ख़्वाहिश’ के लोकार्पण एवं समकालीन कथा साहित्य पर चर्चा

अश्विनी कुमार दुबे के कहानी संग्रह ‘आख़िरी ख़्वाहिश’ के लोकार्पण..

16 Apr, 2024

  बेहतर आदमी तो समाज और साहित्य के माध्यम से ही बन सकता है: संतोष चौबे   क्षितिज संस्था द्वारा…

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पुनीता जैन को ‘श्री प्रभाकर श्रोत्रिय स्मृति आलोचना सम्मान’

पुनीता जैन को ‘श्री प्रभाकर श्रोत्रिय स्मृति आलोचना सम्मान’

24 Mar, 2024

  16 मार्च 2024 को मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिन्दी भवन, भोपाल द्वारा आलोचना कर्म के लिए अखिल भारतीय स्तर…

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नाट्यकथा: कथा सिया राम की का भावपूर्ण प्रस्तुतीकरण

नाट्यकथा: कथा सिया राम की का भावपूर्ण प्रस्तुतीकरण

12 Mar, 2024

  दिनांक 06-03-2024 को राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, नई दिल्ली में मुक्ताकाशीय मंच पर रामायणगाथा कार्यक्रम के अंतर्गत पद्मविभूषण डॉ.…

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साहित्य जगत - भारत

रचनाओं को परिष्कृत करने के लिए उन पर चर्चा ज़रूरी—अश्विनी कुमार दुबे

रचनाओं को परिष्कृत करने के लिए उन पर चर्चा ज़रूरी—अश्विनी कुमार..

2 Apr, 2024

  क्षितिज साहित्य संस्था द्वारा होली मिलन समारोह एवं व्यंग्य रचना पाठ संगोष्ठी का आयोजन अरोमा रेस्टोरेंट, महालक्ष्मी नगर, इंदौर…

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ब्रज के लोकगीत और रसिया गायन

ब्रज के लोकगीत और रसिया गायन

20 Mar, 2024

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली के फ़ाउंटेन लॉन में 9 मार्च, 2024 को ब्रज के लोकगीत और रसिया गायन सांस्कृतिक…

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संस्कृत बाल कथा पर अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी 

संस्कृत बाल कथा पर अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी 

21 Feb, 2024

“भाषा विकास तथा एनईपी-2020 के लिए आवश्यक”–कुलपति प्रो. वरखेड़ी   लखनऊ। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के सीएसयू लखनऊ परिसर में…

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