![सुमन कुमार घई](https://sahityakunj.net/uploads/authors/Suman-Nov-2020.png)
संपादकीय - समय की गति और सापेक्षता का सिद्धांत
साहित्य कुञ्ज के इस अंक में
कहानियाँ
एक और चेहरा
अब क्या कहूँगा लाखादीन से? उसे कौन-सा आश्वासन दूँगा? लाखादीन के साथ-साथ मैं भी चुकने को हो गया हूँ। जितना भाग सका, भागा, जो कर सकता था, किया, जिस-जिससे मिल सकता था, मिला, पर अब क्या करूँ? अपने ख़ुद आगे पढ़ें
प्रेम पत्र
“ये क्या है?” “चिट्ठी है।” प्रश्नवाचक चिह्न बना उसके चेहरे पर। “क्यों? इसकी क्या ज़रूरत है?” “बस यूँ ही, मन किया तो लिख ली।” “रोज़ ही तो मिलते हैं। फिर और क्या रह गया कहने को?” “पता नहीं। शायद आगे पढ़ें
मैं कहाँ आ गयी
मैं एक छोटे से शहर सूरजपुर में रहती थी। मेरे बचपन से लेकर विवाह होने तक उस छोटे से शहर के आसपास चारों ओर गाँव बसे थे। गाँव के साथ खेत, बाग़ बग़ीचे से समृद्ध था छोटा शहर सूरजपुर। आगे पढ़ें
रविवार की छुट्टी
देर रात सब काम निबटा कर लेटने लगी तो याद आया राजमा भिगोना भूल गयी। अँधेरे में टटोलते हुए उठी, कहीं आलोक की नींद ना ख़राब हो जाए। अपने ही घर में दबे पाँव आँखों को एड्जेस्ट-सी करती रसोई आगे पढ़ें
समय के पंख
“यह हुई ना बात! यह कच्चे-पक्के नींबू वाले हरे रंग का लहँगा तुझ पर बहुत फब रहा है!” कहते हुए इला ने नव्या के शरीर से सटा लहँगा-चोली नीचे उतार दिया। सुबह से दिल्ली के चाँदनी चौक में लहँगे आगे पढ़ें
सर्प राजकुमार
मूल कहानी: इल रि सरपेंटी; चयन एवं पुनर्कथन: इतालो कैल्विनो अंग्रेज़ी में अनूदित: जॉर्ज मार्टिन (द सरपेंट); पुस्तक का नाम: इटालियन फ़ोकटेल्स; हिन्दी में अनुवाद: ‘सर्प राजकुमार’ सरोजिनी पाण्डेय एक राजा था और थी एक रानी, लेकिन उनके आगे पढ़ें
हास्य/व्यंग्य
![आँकड़े बोलते हैं जी](https://sahityakunj.net/uploads/Images/Rachana Photos/MukeshGarg/AankdeBolateHain.jpg)
आँकड़े बोलते हैं जी
न्यूज़पेपर पढ़ रहा था, एक ख़बर देखकर चौंका। ख़बर एक संस्था की थी, जिसने अभी-अभी एक ब्लड डोनेशन कैंप लगाया था। उसमें मुझे भी ब्लड डोनेट करने का मौक़ा मिला। ख़बर में ऊपर एक छायाचित्र छपा हुआ था, जिसमें एक आगे पढ़ें
आहार दमदार आज के
भोज्य पदार्थ खाए नहीं जाते हैं भाई साहब, हमारे यहाँ भोजन केवल पेट भरने का साधन नहीं, बल्कि कला है, रस्म है और एक अद्भुत अनुष्ठान भी है। यहाँ समोसे-कचौरी सिर्फ़ खाए नहीं जाते, बल्कि दवाई हो जाते हैं, आगे पढ़ें
हुज़ूर इस क़द्र हॉर्न बजाते न चलिये
कोई सितार बजाता है कोई गिटार बजाता है, कोई वायलिन बजाता है कोई हारमोनियम बजाता है। एक वर्ग ऐसा भी है जो बस हॉर्न बजाता है। हॉर्न बजाने में जो बजाना है वह एक मात्र ऐसा बजाना है जिसे आगे पढ़ें
आलेख
जन्म पत्रिका और संतान
ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शान्ति करा भवंतु॥ (ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव, सूर्य, चंद्रमा, भूमि सुत यानी मंगल, बुद्ध, गुरु, शुक्र, शनि राहु और केतु सभी ग्रहों की आगे पढ़ें
नेताजी और जबलपुर शहर
महान स्वतंत्रता संग्रामी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जबलपुर शहर से गहरा रिश्ता है। “तुम मुझे ख़ून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा”, “जय हिन्द” और “दिल्ली चलो” इन तीन प्रेरक नारों के प्रणेता, भारतीयों के युवा सम्राट, नेताजी सुभाष आगे पढ़ें
शनिदेव की दृष्टियों के भेद
शनिदेव एक राशि में ढाई वर्ष तक गोचर करते हैं और इस प्रकार पूरे भचक्र की परिक्रमा करने में तीस वर्षों का लंबा समय लेते हैं। शनिदेव शनैः शनैः (धीमे-धीमे) ही अपनी यात्रा पूरी करते हैं, इसलिए इनका नाम आगे पढ़ें
सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि को समझने में कठिनाइयाँ
सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि जिसमें 4,000 से अधिक मुहरें और शिलालेख शामिल हैं, इस अत्यधिक विकसित कांस्य युग के समाज (2500-1900 ईसा पूर्व) को समझना मुश्किल बनाता है। यूनेस्को के अनुमान के अनुसार, लिपि में 400-600 अलग-अलग प्रतीक आगे पढ़ें
समीक्षा
![बदलते दिनाँकों की तरह](https://sahityakunj.net/uploads/authors/Book Covers/RajkumarKumbhaj/_small/BadalateDinaankonKiiTarah.jpg)
बदलते दिनाँकों की तरह
संग्रह: बदलते दिनाँकों की तरह विधा: कविता कवि: राजकुमार कुम्भज प्रकाशक: समय साक्ष्य प्रकाशन, देहरादून संस्करण: 2024 अमेज़न लिंक: https://amzn.in/d/dw3Z16K मैं वक़्त का धोबी हूँ धोता हूँ मैल मुझे धोने दो मैल। [मुझे धोने दो मैल, पृष्ठ 16] सुप्रसिद्ध कवि आगे पढ़ें
![बुद्धिनाथ मिश्र को समझने का सफल प्रयास](https://sahityakunj.net/uploads/authors/Book Covers/Avneesh Singh Chauhan/_small/BuddhinathMishraKiRachnadharmita.jpg)
बुद्धिनाथ मिश्र को समझने का सफल प्रयास
समीक्षित पुस्तक: बुद्धिनाथ मिश्र की रचनाधर्मिता सम्पादक: अवनीश सिंह चौहान प्रकाशक: प्रकाश बुक डिपो, बड़ा बाज़ार, बरेली-243003 दूरभाष: 0581-2572217 प्रथम संस्करण: 2013 पृष्ठ: 200 मूल्य: ₹150.00 ISBN: 978-81-7977-500-4, उपलब्ध: https://www.amazon.in/-/hi/Awanish-Singh-Chohan/dp/8179775003 (1) सभी जानते हैं कि डॉ. अवनीश सिंह चौहान हिंदी आगे पढ़ें
![समवेत संकलनों का एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव: ‘नवगीत अर्द्धशतक’ (खण्ड-एक)](https://sahityakunj.net/uploads/authors/Book Covers/Shivanand Singh Sahyogi/_small/NavgeetArddhshatak.jpg)
समवेत संकलनों का एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव: ‘नवगीत अर्द्धशतक’ (खण्ड-एक)
कृति: नवगीत अर्द्धशतक (खण्ड-एक) सम्पादक: शिवानन्द सिंह 'सहयोगी'’ प्रकाशक: अनुभव प्रकाशन (ई-28, लाजपत नगर, साहिबाबाद, गाज़ियाबाद-201005) प्रकाशन वर्ष: 2024 पृष्ठ: 360 मूल्य: ₹ 600/- ISBN: 978-93-93103-67-3 ‘नवगीत अर्द्धशतक’ (खण्ड-एक) हिंदी नवगीत विधा का एक उल्लेखनीय संकलन है, जिसे प्रबुद्ध आगे पढ़ें
![हिंदी ग़ज़ल महत्त्व और मूल्यांकन](https://sahityakunj.net/uploads/Images/Pustak Charcha/_small/HindiGhazalMahtvAurMulyannkan.jpg)
हिंदी ग़ज़ल महत्त्व और मूल्यांकन
चर्चित पुस्तक: हिंदी ग़ज़ल महत्त्व और मूल्यांकन (आलोचना) लेखक: डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफ़री प्रकाशक: इंक पब्लिकेशन, करेली प्रयागराज-16 मोबाइल: 9455400973 मूल्य: ₹220.00 पृष्ठ: 126 ISBN: 978-81-19624 हिन्दी कविता परंपरा में ग़ज़ल पाठकों के बीच हमेशा से लोकप्रिय रही है। आगे पढ़ें
संस्मरण
एक आप बीती
बात १९७१ की मई-जून के महीने की होगी। मेरी ससुराल मथुरा थी। मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि से दस क़दम पहले, उसके सामने वाले टीले पर जगन्नाथ पुरी कॉलोनी है। वहीं पर मेरे सास, श्वसुर ने कोठी बनाई थी। सड़क आगे पढ़ें
![पिता जो हमें सर्वशक्तिमान लगते थे (भाग-1)](https://sahityakunj.net/uploads/photo_galleries/our-galleries/Sansmaran/Prakash Manu/pitaaji/PitajiMataji.jpg)
पिता जो हमें सर्वशक्तिमान लगते थे (भाग-1)
भाग—1 पिता के बारे में लिखते हुए उनकी पठानों जैसी क़द-काठी और छवि आँखों में तैर रही है। वे बिल्कुल पठानों जैसे ही थे। सफ़ेद कुरता, सफ़ेद धोती और सिर पर सफ़ेद रंग का ही पग्गड़ . . .! बड़ी-बड़ी आगे पढ़ें
मैंने कथाकार कमलेश्वर को बतौर संपादक ही जाना
कल शिवपुरी से मित्र ज़ाहिद खान का फोन आया कि ‘तरक़्क़ीपसंद तहरीक का कारवां’ का अगला एपिसोड कमलेश्वर जी पर दे रहे हैं। इसमें चर्चित लेखक पर अन्य साहित्यकारों, पाठकों के दो-तीन मिनिट के वीडियो भी शामिल करते हैं आगे पढ़ें
अन्य
![सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में हिंदी और हिंदीतर भाषाओं के उन्नयन हेतु एक समन्वित अभियान: विशेष संदर्भ-अंतरराष्ट्रीय भारतीय भाषा सम्मेलन-2025](https://sahityakunj.net/uploads/Images/Karyakram Reports/AntarrashtriyaBhartiyaBhashaSammelan2025.jpg)
सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में हिंदी और हिंदीतर भाषाओं के उन्नयन हेतु एक समन्वित अभियान: विशेष संदर्भ-अंतरराष्ट्रीय भारतीय भाषा सम्मेलन-2025
आज की तारीख़ में हिंदी भाषा और साहित्य का दिल बन चुकी दिल्ली, भाषा और संस्कृति के पुनरुत्थान का बिगुलनाद करने में महत्त्वपूर्ण अगवाई कर रही है। यह अगवाई इस उपमहाद्वीप के प्रदेशों तक ही सीमित नहीं है अपितु आगे पढ़ें
कविताएँ
शायरी
समाचार
साहित्य जगत - विदेश
![डॉ. मनीष मिश्रा को अंतरराष्ट्रीय हिंदी सेवी सम्मान](https://sahityakunj.net/assets/images/news_image.png)
डॉ. मनीष मिश्रा को अंतरराष्ट्रीय हिंदी सेवी सम्मान
ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ ओरिएंटल स्टडीज़ में आयोजित सम्मान समारोह में डाॅ. मनीष कुमार मिश्रा को उनकी हिंदी सेवाओं…
आगे पढ़ें![इंदौर की प्रवासी लेखिका डॉ. वंदना मुकेश को भारतीय उच्चायोग लंदन द्वारा 2024 के लिए डॉ. हरिवंशराय बच्चन लेखन सम्मान](https://sahityakunj.net/uploads/photo_galleries/our-galleries/International News/England/VandanaMukesh/_medium/VandanaMukeshSammanit01.jpg)
इंदौर की प्रवासी लेखिका डॉ. वंदना मुकेश को भारतीय उच्चायोग लंदन..
सुप्रतिष्ठ प्रवासी रचनाकार डॉ. वंदना मुकेश को भारत के उच्चायोग, लंदन द्वारा विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में वर्ष…
आगे पढ़ें![चुनावी लोकतंत्र और श्रीलाल शुक्ल का साहित्य: अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न](https://sahityakunj.net/uploads/photo_galleries/our-galleries/International News/Rishbhadeo Sharma/_medium/ChunaaviLoktantrAurShrilalShukalKaSahitya14.jpg)
चुनावी लोकतंत्र और श्रीलाल शुक्ल का साहित्य: अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी..
जनता सजग, लोकतंत्र सफल—श्रीराम तिवारी आईपीएस हैदराबाद, 1 जनवरी, 2025 श्रीलाल शुक्ल स्मारक राष्ट्रीय संगोष्ठी समिति तथा हिंदी…
आगे पढ़ेंसाहित्य जगत - भारत
![साठोत्तर काव्य आंदोलन में संघर्ष मूलक काव्य की प्रवृत्तियाँ—संगोष्ठी संपन्न: युवा उत्कर्ष मंच](https://sahityakunj.net/uploads/Images/News/India/Bharat/yuva utkarsh sahityik manch telangana/_medium/YuvaUtkarshSahityyakManch18.jpg)
साठोत्तर काव्य आंदोलन में संघर्ष मूलक काव्य की प्रवृत्तियाँ—संगोष्ठी..
युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (पंजीकृत न्यास) आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना राज्य शाखा की वर्चुअल अट्ठारहवीं संगोष्ठी 26 जनवरी-2025 (रविवार) 4…
आगे पढ़ें![ग्रहण काल एवं अन्य कविताएँ का विमोचन संपन्न](https://sahityakunj.net/uploads/photo_galleries/our-galleries/Bharat News/Neerja Gurramkonda/GrahanKaalEvamAnyKavitaayenKaaVimochan/_medium/GrahanKaalEvamAnyKavitaayenVimochan2.jpg)
ग्रहण काल एवं अन्य कविताएँ का विमोचन संपन्न
उद्वेलन एवं संवेदनाओं की कविताएँ: प्रो. बी.एल. आच्छा सरल शब्दों में गहन विषयों को व्यक्त करना आसान नहीं: गोविंदराजन…
आगे पढ़ें![काव्यांजलि: महिला क्रिश्चियन कॉलेज में भारतीय भाषा दिवस का उत्सव](https://sahityakunj.net/uploads/photo_galleries/our-galleries/Bharat News/Sunita Jajodia/Kavayanjli2024/_medium/2.jpg)
काव्यांजलि: महिला क्रिश्चियन कॉलेज में भारतीय भाषा दिवस..
महिला क्रिश्चियन कॉलेज ने हाल ही में भारतीय भाषा दिवस मनाया, जो प्रसिद्ध तमिल कवि और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमणिय…
आगे पढ़ेंसाहित्य जगत - भारत
![‘क से कविता’ में अतिथि कवि डॉ. विनय कुमार से संवाद संपन्न](https://sahityakunj.net/uploads/photo_galleries/our-galleries/Bharat News/Neerja Gurramkonda/k se kavita/Vinay Kumar samvad/_medium/VinayKumarSeSamvadSampann2.jpg)
‘क से कविता’ में अतिथि कवि डॉ. विनय कुमार से संवाद संपन्न
हैदराबाद, 24 जनवरी, 2025। मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद के दूरस्थ शिक्षा केंद्र की लाइब्रेरी में ‘क से…
आगे पढ़ें![डॉ. अमित धर्मसिंह के काव्य संग्रह कूड़ी के गुलाब का हुआ लोकार्पण](https://sahityakunj.net/uploads/photo_galleries/our-galleries/Bharat News/Nadles/KuudiiKeGulaabVimochan/_medium/KuudiKeGulaab01.jpg)
डॉ. अमित धर्मसिंह के काव्य संग्रह कूड़ी के गुलाब का हुआ लोकार्पण
नव दलित लेखक संघ, दिल्ली के तत्वावधान में लोकार्पण एवं काव्यपाठ गोष्ठी का आयोजन हुआ। गोष्ठी दो चरणों में…
आगे पढ़ें![शिवना नवलेखन पुरस्कार 2024 की घोषणा](https://sahityakunj.net/uploads/Images/News/India/Bharat/ShivanaPrakashan/_medium/ShivnaNavlekhanPurskar2024.jpg)
शिवना नवलेखन पुरस्कार 2024 की घोषणा
‘शिवना नवलेखन पुरस्कार’ 2024 की घोषणाः रश्मि कुलश्रेष्ठ और शुभ्रा ओझा की साहित्य में दस्तक डॉ. परिधि शर्मा का…
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