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    कैनेडा का हिंदी साहित्य
    कैनेडा का हिंदी साहित्य कैनेडा का नाम भारत में और विशेष रूप से पंजाब प्रांत में बहुत आत्मीयता से लिया जाता है।.. आगे पढ़ें
अच्छा लगता है
कवयित्री: डॉ. मधु संधु - अच्छा लगता है

साहित्य कुञ्ज के इस अंक में

कहानियाँ

अगर शीशा दरका तो . . . 

  ड्राइवर ने गाड़ी में ब्रेक लगाए तो मोनिका की तंद्रा भंग हुई। सामने 'ग्रीन-टावर' की गगनचुंबी इमारत खड़ी थी। उसकी 16वीं मंज़िल पर 'यूनिवर्स टेक्नोलॉजी' का रीजनल ऑफ़िस था। मोनिका ने पूरी बिल्डिंग को ऊपर से नीचे तक निहारा, आगे पढ़ें


कानों में जूँ क्यों नहीं रेंगती

  हाईकोर्ट खचाखच भरा हुआ था। सभी प्रतीक्षा कर रहे थे कि माननीय न्यायमूर्ति महोदय पधारें, अपने आसन ऊँची सी कुर्सी पर विराजें, जिससे कोर्ट असेम्बल हो सके, कार्यवाई शुरू हो सके, बरसों से लटके उनके मामलों पर कोई निर्णय आगे पढ़ें


चाह

  वे दोनों घर के लोगों और अपने कामों की भीड़ से बहुत समय बाद आज निकल पाए थे। टहलते हुए उसने झील के इस हिस्से की तरफ़ लगभग दौड़-सी लगा दी थी और वहाँ पहुँच कर घास पर लेट आगे पढ़ें


जादू के हाथ

  शहर से कुछ दूरी पर था उसका गाँव। वह रोज़ शहर जाने की बात करता था। पिता कई बरसों से शहर जाकर पैसा ऊर्जित करते थे। वह मन ही मन सोचता रहता था। कब बड़ा होगा, कब शहर जाकर आगे पढ़ें


ननिहाल बब्बू का

  तीन भाईयों और चार बहनों में सबसे छोटी थी बब्बू की अम्मा। इतनी छोटी कि जब उसका जन्म हुआ तब तक उसकी बड़ी बहन के दो बच्चे हो चुके थे। माँ-बाप ने नाम भी रखा छोटी बाई। पता नहीं, आगे पढ़ें


पानी पानी हो गया

  वर्षा ऋतु का आरंभ समझो। रात, दोपहर बादल घुमड़ आते। भरे हुए होते हैं। पानी को बरसा आगे और जगह चल देते।  धान की रोपाई की जा रही थी। खेत धान के सद्यः लगाए पौधों से पटा पड़ा था। आगे पढ़ें


बँधी हुई मुट्ठी

  पेशे से मैं एक नर्स हूँ। ऑपरेशन के लिए तैयार हो चुके मरीज़ को ओ.टी. (ऑपरेशन थिएटर) तक उसकी पहिएदार कुर्सी में लेकर जाती हूँ। ऑपरेशन के समय डॉक्टरों की मदद के लिए ओ.टी. में उपस्थित रहती हूँ और आगे पढ़ें


बेला

  मूल कहानी: एरबाबियांका; चयन एवं पुनर्कथन: इतालो कैल्विनो; अंग्रेज़ी में अनूदित: जॉर्ज मार्टिन (वार्मवुड);  पुस्तक का नाम: इटालियन फ़ोकटेल्स; हिन्दी में अनुवाद: ‘बेला’-सरोजिनी पाण्डेय   जैसा कि बहुत सारी कहानियों में होता है, कहानी शुरू होती है—एक था राजा आगे पढ़ें


लीच 

  डोडीताल ट्रैक पर बेबर की पगडंडी के किनारे एक जोंक (लीच) को ख़ून का सिगनल लेते देख मैं ठिठक गया। मैंने उसे एक पत्थर के टुकड़े पर उठा लिया और पूछा, “अच्छा, ख़ून चूसती हो?”  “नहीं, मैं तो इंसान आगे पढ़ें


शिक्षा की पाँच दीपशिखाएँ

  1. काग़ज़ से आगे रीमा हर बार परीक्षा में टॉप करती, लेकिन जब गाँव की बिछिया बाई उससे बोलना चाहती, तो वह टाल देती।  एक दिन बिछिया ने कहा, “बिटिया, तुम पढ़ी-लिखी हो, पर अगर तुम्हारे शब्द किसी अनपढ़ आगे पढ़ें


सर, क्या आप ख़ुश हैं?

  राजीव वर्मा लखनऊ के एक निजी अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल में गणित पढ़ाते हैं।  योग्यता: स्नातकोत्तर, बी.एड.  वेतन: ₹14, 500 प्रति माह (12 महीने नहीं, केवल सत्र के 10 महीने)।  रहने का स्थान: स्कूल के पास एक दो कमरे का आगे पढ़ें


हत्यारे सा चेहरा

  “बच्चों, ज़रा जाकर देखो तो सही कौन बैल बजा रहा है? मेरे हाथ आटे में सने हुए हैं . . . और हाँ, अगर वो कोई सामान-वामान बेचने वाले हुए तो साफ़ मना कर देना।” जानवी के छह व आगे पढ़ें


हास्य/व्यंग्य

घरेलू मॉडल स्त्री

  कविता जी की सुबह . . . आह, कविता जी की सुबह! यह कोई भोर में खिलते कमल, या मधुर संगीत से भरी सुबह नहीं होती। यह होती है एक युद्ध भूमि, जहाँ पहली आवाज़ होती है अलार्म की आगे पढ़ें


चोर साहब का प्रकटोत्सव दिवस 

  हमारा महल्ला सामान्य महिला पुरुषों का महल्ला नहीं, एक से बढ़कर एक प्रकटस्वी महापुरुषों महापुरुषाणियों का महल्ला है। ऐसा कोई हफ़्ता नहीं जाता जिस हफ़्ते हमारे महल्ले में महल्ले के किसी न किसी महापुरुष का, महापुरुष की महापुरुषाणी का, आगे पढ़ें


मातृ दिवस और पितृ दिवस: कैलेंडर पर टँगे शब्द

  मातृ दिवस और पितृ दिवस-ये दो ऐसे ‘विशेष’ दिन हैं, जिनका आविष्कार शायद उस महान आत्मा ने किया होगा, जिसने इंसानी फ़ितरत को बख़ूबी समझा। यह फ़ितरत, जो पूरे साल माँ-बाप को ‘फ़ॉर ग्रांटेड’ लेने में कोई कसर नहीं आगे पढ़ें


लालबुझक्कड़ का मार-बेलौस प्रपंच

  सुबह की सैर को कॉलोनी के अन्दर बने पार्क का चक्कर लगाया जा रहा था। हरी-भरी मुलायम घास पर बिखरी ओस का आनन्द पंजों के द्वारा पूरे शरीर को मिल रहा था। मंद-मंद चलती हवा से मन-मष्तिष्क तरो-ताज़ा महसूस आगे पढ़ें


विवाह पूर्व जासूसी अनिवार्य: वरमाला से पहले वेरिफ़िकेशन

  “अब शादी से पहले लड़का-लड़की की कुंडली नहीं, सीसीटीवी फ़ुटेज, कॉल रिकॉर्ड और बैंक स्टेटमेंट मिलाएँ। क्योंकि आजकल सात फेरे नहीं, सात फ़्रॉड होते हैं!” शादी एक पवित्र संस्कार है . . . था, अब जाँच-पड़ताल से गुज़रने वाला आगे पढ़ें


सावित्री से सपना तक . . . 

  सपना से सोनम तक—सुहाग की अर्थी पर चढ़ती आधुनिकता “कभी जिनसे जीवन मिलता था,  अब वही जान के सौदागर हो गए।  सपनों की दुलहनें अब साँप बनकर सुहाग डसने लगी हैं।”   “वर नहीं, शिकार था वह,  और विदाई आगे पढ़ें


होनहार युवराज

  आज दरबार की अति गोपनीय मीटिंग के लिए राजा पूरे आधे घंटे लेट हो गए थे, सो वे बड़े स्पीड में चल रहे थे। इसी तेज़ी के चक्कर में तलवार उनके दोनों पैरों के बीच में आ गई। वे आगे पढ़ें


ग़म-ए-रोज़गार

  “दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया,  तुझसे भी दिल-फ़रेब हैं ग़म रोज़गार के”  तो साहिबान, भले ही पुराने ज़माने में लड़ाइयाँ तख़्तोताज के लिये हुआ करती थीं, बाद के दौर में लड़ाइयों को ज़र, जोरू, ज़मीन के आगे पढ़ें


आलेख

एवरेस्ट की ऊँचाई नापने वाले पहले व्यक्ति राधानाथ सिकदर

  1831 में, भारत के महासर्वेक्षक जॉर्ज एवरेस्ट एक ऐसे गणितज्ञ की तलाश में थे, जो गोलाकार त्रिकोणमिति में विशेषज्ञता रखता हो, ताकि वे महान त्रिकोणमितीय सर्वेक्षण का हिस्सा बन सकें। 1832 में, एवरेस्ट के नेतृत्व में, मध्य भारत के आगे पढ़ें


क्या पुरस्कार अब प्रकाशन-राजनीति का मोहरा बन गए हैं? 

  “साहित्य समाज का दर्पण होता है।” यह वाक्य हमने न जाने कितनी बार पढ़ा और सुना है। परन्तु आज साहित्य के दर्पण पर परतें चढ़ चुकी हैं—राजनीतिक, प्रकाशकीय और प्रतिष्ठान-प्रेरित परतें। प्रश्न यह नहीं है कि कौन किससे छप आगे पढ़ें


चातुर्मास: आध्यात्मिक शुद्धि और प्रकृति से सामंजस्य का पर्व

  चातुर्मास, संस्कृत के ‘चतुः’ (चार) और ‘मास’ (महीने) शब्दों से मिलकर बना है, जो भारतीय उपमहाद्वीप में एक विशिष्ट चार महीने की अवधि को दर्शाता है। यह वह समय होता है जब प्रकृति अपने चरम पर होती है, धरती आगे पढ़ें


जगन्नाथ रथ यात्रा: आस्था, एकता और अध्यात्म का महापर्व

  पुरी, ओड़िशा में हर साल होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि भारत की समृद्ध संस्कृति, अटल आस्था और सामाजिक समरसता का जीता-जागता प्रमाण है। यह वह अनुपम अवसर होता है जब स्वयं भगवान आगे पढ़ें


जगन्नाथ रथयात्रा: जन-जन का पर्व, आस्था और समानता का प्रतीक

  भारत के ओड़िसा राज्य के पुरी में हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाने वाली जगन्नाथ रथयात्रा दुनिया के सबसे भव्य और प्राचीन धार्मिक आयोजनों में से एक है। यह यात्रा भगवान जगन्नाथ आगे पढ़ें


डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी: बलिदान दिवस और उनके संघर्ष की गाथा

  हर वर्ष 23 जून को हम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के रूप में स्मरण करते हैं। यह दिन भारत की एकता और अखंडता के लिए उनके अतुलनीय योगदान और सर्वोच्च बलिदान की पावन स्मृति है। एक आगे पढ़ें


द्वादश भाव: एक आध्यात्मिक विवेचना

जन्म कुंडली का द्वादश भाव मोक्ष त्रिकोण के तीन भावों, चतुर्थ, अष्टम और द्वादश में से एक है। इसे मोक्ष स्थान की संज्ञा भी दी गई है। जातक की जन्म पत्रिका का द्वादश भाव अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण भाव माना गया आगे पढ़ें


बलिदान की अमर गाथा: झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई को शत-शत नमन

  आज 18 जून, 2025 है—वह पवित्र तिथि जब भारतीय इतिहास की सबसे तेजस्वी और प्रेरक नारियों में से एक, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अपनी मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए प्राणों की आहुति दी थी। ग्वालियर के पास कोटा आगे पढ़ें


भृङ्गकीटन्यायः—शिक्षण की आध्यात्मिक प्रक्रिया का प्रतीक

  परिचय  भारतीय दार्शनिक परंपरा में अनेक न्याय (तर्क या दृष्टांत) ऐसे हैं जो गूढ़ आध्यात्मिक तथा व्यवहारिक सिद्धांतों को सरल रूप में समझाते हैं। इन्हीं में से एक है भृङ्गकीटन्यायः—जिसमें एक भौंरे (भृंग) और एक कीट के माध्यम से आगे पढ़ें


योग: तन, मन और आत्मा के मिलन का विज्ञान

  हर साल 21 जून को विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह केवल एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि एक प्राचीन भारतीय परंपरा का वैश्विक पुनर्जागरण है, जो मानव जीवन के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक पहलुओं को आगे पढ़ें


विश्व योग दिवस: शरीर, मन और आत्मा का उत्सव

  “योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर, विचार और क्रिया की एकता का प्रतीक है; यह स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है।”  –प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (संयुक्त राष्ट्र महासभा, 2014)  आगे पढ़ें


सती प्रथा उन्मूलन और ईस्ट इंडिया कंपनी [1740-1828] 

  भूमिका  भारत का पश्चिमी संसार के साथ सम्बन्ध बहुत पुराना है। सभी ऐतिहासिक सभ्यता और संस्कृतियों के साथ उसका व्यापारिक सम्बन्ध था। भारत पश्चिम के देशों से और पश्चिम के देश भारत से परिचित थे। वह भारत को सोने आगे पढ़ें


समीक्षा

ईश्वरानंद कविता की समीक्षा

कविता:  ईश्वरानंद (कविता कोश) लेखिका: डॉ. पुष्पिता अवस्थी   ईश्वरानंद मैं तुम्हारे प्रेम का धान्य हूँ और तुम हृदय का विश्वास   तुम्हारी स्मृति-कुठले में संचित उपजाए अन्न की तरह हूँ अपनी अंतःसलिला में रूपवान मछली की तरह तैरने देना आगे पढ़ें


फ़न और शख़्सियत एक आत्मीय दृष्टिकोण . . . 

फ़न और शख़्सियत एक आत्मीय दृष्टिकोण . . . 

शीर्षक: तेरी–मेरी कहानी (लघुकथा संग्रह)  लेखिका: डॉ. विभा कुमरिया शर्मा प्रकाशक: साहित्य ग्राम पब्लिकेशन, छत्तीसगढ़ प्रकाशन वर्ष: 2025 मूल्य: ₹249/- अमेज़ॉन, फ़्लिपकार्ट, किंडल, गूगल बुक्स, गूगल प्ले स्टोर आदि पर उपलब्ध।    मैं अपनी बात इन पंक्तियों से शुरू करता आगे पढ़ें


संस्मरण

आशुतोष राणा: एक असाधारण व्यक्तित्व की झलक

  दमोह से आईं अर्चना जी की कहानी, जिसे देवेंद्र पाठक ने साझा किया है, आशुतोष भाई के असाधारण व्यक्तित्व और उनकी गहरी मानवीय संवेदना का प्रमाण है। यह घटना दर्शाती है कि क्यों आशुतोष भाई इतने संवेदनशील अभिनेता हैं; आगे पढ़ें


नैनीताल यात्रा एक विकल्प (08.06.25)

  हल्द्वानी से घर के लिए निकला।  लेकिन कोई भी कार वाला जाने को तैयार नहीं था। बोल रहे थे कैंची (नैनीताल) में भयंकर जाम लगा है, लगभग दस किलोमीटर का। मैंने हनुमानजी को याद किया और कहा भगवन भक्ति आगे पढ़ें


विष्णु प्रभाकर के संस्मरणों में साहित्य मनीषियों की अद्भुत दास्तानें

विष्णु प्रभाकर के संस्मरणों में साहित्य मनीषियों की अद्भुत दास्तानें

    विष्णु प्रभाकर बड़े साहित्यकार हैं। एक बड़े और अद्भुत सर्जक, बड़े जीवनीकार भी। उनकी लिखी कहानियाँ और उपन्यास, उनके नाटक, उनके संस्मरण, रेखाचित्र और यात्रा-वृत्तांत सब रस से भरे घट हैं, जो पाठक को रस से ऊभ-चूभ कर आगे पढ़ें


कविताएँ

शायरी

समाचार

साहित्य जगत - विदेश

यॉर्क, यूके में भारतीय प्रवासी समुदाय का ऐतिहासिक काव्य समारोह

यॉर्क, यूके में भारतीय प्रवासी समुदाय का ऐतिहासिक काव्य समारोह

16 May, 2025

  दिनांक: 26 अप्रैल 2025 स्थान: यॉर्क, यूनाइटेड किंगडम 26 अप्रैल 2025 को यॉर्क इंडियन कल्चरल एसोसिएशन के तत्वावधान में…

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हिन्दी राइटर्स गिल्ड कैनेडा द्वारा आयोजित ‘राम तुम्हारे अनंत आयाम’ की रिपोर्ट

हिन्दी राइटर्स गिल्ड कैनेडा द्वारा आयोजित ‘राम तुम्हारे अनंत..

4 May, 2025

  हिन्दी राइटर्स गिल्ड कैनेडा द्वारा रामनवमी के पावन अवसर पर ‘राम तुम्हारे अनंत आयाम’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।…

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24 वाँ अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन नेपाल

24 वाँ अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन नेपाल

6 Mar, 2025

  भाषा जितना विस्तारित, समृद्धि उतनी ही नेपाली और हिंदी की जननी एक ही संस्कृत  हिंदी को मान्यता देने से…

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साहित्य जगत - भारत

एक शाम कवियों के नाम: युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच 

एक शाम कवियों के नाम: युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच 

17 May, 2025

युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (पंजीकृत न्यास) आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना राज्य शाखा की उन्नीसवीं काव्यगोष्ठी 13 अप्रैल 2025 (रविवार) 3:30…

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साठोत्तर काव्य आंदोलन में संघर्ष मूलक काव्य की प्रवृत्तियाँ—संगोष्ठी संपन्न: युवा उत्कर्ष मंच 

साठोत्तर काव्य आंदोलन में संघर्ष मूलक काव्य की प्रवृत्तियाँ—संगोष्ठी..

5 Feb, 2025

युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (पंजीकृत न्यास) आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना राज्य शाखा की वर्चुअल अट्ठारहवीं संगोष्ठी 26 जनवरी-2025 (रविवार) 4…

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ग्रहण काल एवं अन्य कविताएँ का विमोचन संपन्न 

ग्रहण काल एवं अन्य कविताएँ का विमोचन संपन्न 

19 Jan, 2025

  उद्वेलन एवं संवेदनाओं की कविताएँ: प्रो. बी.एल. आच्छा सरल शब्दों में गहन विषयों को व्यक्त करना आसान नहीं: गोविंदराजन…

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साहित्य जगत - भारत

केरल की पाठ्यपुस्तकों में त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ सम्मिलित 

केरल की पाठ्यपुस्तकों में त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ सम्मिलित 

18 May, 2025

  साहित्यकार एवं रेलवे इंजीनियर ‘त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ केरल राज्य की विभिन्न पाठ्यपुस्तकों में सम्मिलित की गयी हैं। …

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अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की रजत जयंती समारोह 2025

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की रजत जयंती समारोह 2025

22 Feb, 2025

हमारी संस्कृति, परंपरा और पहचान का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है मातृभाषा: प्रो. पी. राधिका   चेन्नई, 21 फरवरी, 2025।  “मातृभाषा…

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‘क से कविता’ में अतिथि कवि डॉ. विनय कुमार से संवाद संपन्न

‘क से कविता’ में अतिथि कवि डॉ. विनय कुमार से संवाद संपन्न

25 Jan, 2025

  हैदराबाद, 24 जनवरी, 2025।  मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद के दूरस्थ शिक्षा केंद्र की लाइब्रेरी में ‘क से…

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