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    कैनेडा का हिंदी साहित्य
    कैनेडा का हिंदी साहित्य कैनेडा का नाम भारत में और विशेष रूप से पंजाब प्रांत में बहुत आत्मीयता से लिया जाता है।.. आगे पढ़ें
अच्छा लगता है
कवयित्री: डॉ. मधु संधु - अच्छा लगता है

साहित्य कुञ्ज के इस अंक में

कहानियाँ

अदृष्ट 

(प्रिय पाठको,  मार्च, 2022 के साहित्य कुञ्ज में दीपक शर्मा जी की एक कहानी ‘तक़दीर की खोटी’ के नाम से प्रकाशित हुई थी। ‘अदृष्ट’ उसी कहानी का अन्य प्रारूप है। इसमें कथानक वही पुराना होते हुए भी नया है। कहानी आगे पढ़ें


एक और चेहरा

  अब क्या कहूँगा लाखादीन से? उसे कौन-सा आश्वासन दूँगा? लाखादीन के साथ-साथ मैं भी चुकने को हो गया हूँ। जितना भाग सका, भागा, जो कर सकता था, किया, जिस-जिससे मिल सकता था, मिला, पर अब क्या करूँ? अपने ख़ुद आगे पढ़ें


तमाचा

  अंतरिक्ष के हाथ से जैसे ही मोबाइल नीचे गिरा, उर्मिला ने उसके मुँह पर एक ज़ोरदार तमाचा जड़ दिया। तमाचा लगते ही अंतरिक्ष की आँखों से आँसू बहने लगे। तभी पास में खड़े हुए बृजेश ने उर्मिला की तरफ़ आगे पढ़ें


तालियाँ

  कॉलेज केन्टीन का गरमा-गरम वातावरण। बाहर कड़ाके की ठण्ड अंदर भाप उड़ती चाय की प्यालियों में दुबक कर बैठ गई थी। छात्रों की भीड़ जुटी थी। वैसे तो यह हर दिन का ही नज़ारा होता था लेकिन आज गरमागरम आगे पढ़ें


प्रेम पत्र

  “ये क्या है?”  “चिट्ठी है।”  प्रश्नवाचक चिह्न बना उसके चेहरे पर। “क्यों? इसकी क्या ज़रूरत है?”  “बस यूँ ही, मन किया तो लिख ली।”  “रोज़ ही तो मिलते हैं। फिर और क्या रह गया कहने को?”  “पता नहीं। शायद आगे पढ़ें


मैं कहाँ आ गयी

  मैं एक छोटे से शहर सूरजपुर में रहती थी। मेरे बचपन से लेकर विवाह होने तक उस छोटे से शहर के आसपास चारों ओर गाँव बसे थे। गाँव के साथ खेत, बाग़ बग़ीचे से समृद्ध था छोटा शहर सूरजपुर।  आगे पढ़ें


रविवार की छुट्टी

  देर रात सब काम निबटा कर लेटने लगी तो याद आया राजमा भिगोना भूल गयी। अँधेरे में टटोलते हुए उठी, कहीं आलोक की नींद ना ख़राब हो जाए। अपने ही घर में दबे पाँव आँखों को एड्जेस्ट-सी करती रसोई आगे पढ़ें


रूममेट

  राधिका ने विश्वविद्यालय में सहायक आचार्य के पद पर ज्वाइन किया। विश्वविद्यालय घर से दूर होने के कारण उसे विश्वविद्यालय कैंपस में ही रहना पड़ा। लेकिन विश्वविद्यालय में शर्त रखी गई कि प्रत्येक रूम में दो सदस्य रहेंगे। राधिका आगे पढ़ें


समय के पंख 

  “यह हुई ना बात! यह कच्चे-पक्के नींबू वाले हरे रंग का लहँगा तुझ पर बहुत फब रहा है!” कहते हुए इला ने नव्या के शरीर से सटा लहँगा-चोली नीचे उतार दिया। सुबह से दिल्ली के चाँदनी चौक में लहँगे आगे पढ़ें


सर्प राजकुमार

  मूल कहानी: इल रि सरपेंटी; चयन एवं पुनर्कथन: इतालो कैल्विनो अंग्रेज़ी में अनूदित: जॉर्ज मार्टिन (द सरपेंट); पुस्तक का नाम: इटालियन फ़ोकटेल्स;  हिन्दी में अनुवाद: ‘सर्प राजकुमार’ सरोजिनी पाण्डेय   एक राजा था और थी एक रानी, लेकिन उनके आगे पढ़ें


क़ीमत

  सरपंच ने कहा , “आप, अपनी लड़क़ी को वापस अपने घर ले जाओ।” बृजेश ने आपत्ति जताई, “भला, ऐसे-कैसे ले जा सकते हैं। शादी करके आयी है इस घर में।”  सरपंच बोला, “लड़के ने साफ़-साफ़ मना कर दिया है आगे पढ़ें


हास्य/व्यंग्य

आँकड़े बोलते हैं जी

आँकड़े बोलते हैं जी

न्यूज़पेपर पढ़ रहा था, एक ख़बर देखकर चौंका। ख़बर एक संस्था की थी, जिसने अभी-अभी एक ब्लड डोनेशन कैंप लगाया था। उसमें मुझे भी ब्लड डोनेट करने का मौक़ा मिला। ख़बर में ऊपर एक छायाचित्र छपा हुआ था, जिसमें एक आगे पढ़ें


आहार दमदार आज के

  भोज्य पदार्थ खाए नहीं जाते हैं भाई साहब, हमारे यहाँ भोजन केवल पेट भरने का साधन नहीं, बल्कि कला है, रस्म है और एक अद्भुत अनुष्ठान भी है। यहाँ समोसे-कचौरी सिर्फ़ खाए नहीं जाते, बल्कि दवाई हो जाते हैं, आगे पढ़ें


हुज़ूर इस क़द्र हॉर्न बजाते न चलिये 

  कोई सितार बजाता है कोई गिटार बजाता है, कोई वायलिन बजाता है कोई हारमोनियम बजाता है। एक वर्ग ऐसा भी है जो बस हॉर्न बजाता है।  हॉर्न बजाने में जो बजाना है वह एक मात्र ऐसा बजाना है जिसे आगे पढ़ें


आलेख

जन्म पत्रिका और संतान

  ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शान्ति करा भवंतु॥ (ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव, सूर्य, चंद्रमा, भूमि सुत यानी मंगल, बुद्ध, गुरु, शुक्र, शनि राहु और केतु सभी ग्रहों की आगे पढ़ें


नेताजी और जबलपुर शहर

  महान स्वतंत्रता संग्रामी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जबलपुर शहर से गहरा रिश्ता है। “तुम मुझे ख़ून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा”, “जय हिन्द” और “दिल्ली चलो” इन तीन प्रेरक नारों के प्रणेता, भारतीयों के युवा सम्राट, नेताजी सुभाष आगे पढ़ें


शनिदेव की दृष्टियों के भेद

  शनिदेव एक राशि में ढाई वर्ष तक गोचर करते हैं और इस प्रकार पूरे भचक्र की परिक्रमा करने में तीस वर्षों का लंबा समय लेते हैं। शनिदेव शनैः शनैः (धीमे-धीमे) ही अपनी यात्रा पूरी करते हैं, इसलिए इनका नाम आगे पढ़ें


सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि को समझने में कठिनाइयाँ

  सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि जिसमें 4,000 से अधिक मुहरें और शिलालेख शामिल हैं, इस अत्यधिक विकसित कांस्य युग के समाज (2500-1900 ईसा पूर्व) को समझना मुश्किल बनाता है। यूनेस्को के अनुमान के अनुसार, लिपि में 400-600 अलग-अलग प्रतीक आगे पढ़ें


समीक्षा

क्याप

क्याप

समीक्षित पुस्तक: क्याप (उपन्यास) लेखक: मनोहर श्याम जोशी प्रकाशक: वाणी प्रकाशन संस्करण: चौथा प्रकाशन वर्ष 2021 मूल्य: ₹395.00 (हार्ड कवर), ₹250.00 (पेपरबैक) पृष्ठ: 152 ISBN: 9788170557999 वाणी प्रकाशन लिंक: क्याप  अमाज़ॉन इंडिया लिंक: क्याप   “पूँजीवादी उद्योगपति की कंपनी का आगे पढ़ें


बदलते दिनाँकों की तरह

बदलते दिनाँकों की तरह

संग्रह: बदलते दिनाँकों की तरह विधा: कविता कवि: राजकुमार कुम्भज प्रकाशक: समय साक्ष्य प्रकाशन, देहरादून संस्करण: 2024 अमेज़न लिंक: https://amzn.in/d/dw3Z16K मैं वक़्त का धोबी हूँ धोता हूँ मैल  मुझे धोने दो मैल। [मुझे धोने दो मैल, पृष्ठ 16]  सुप्रसिद्ध कवि आगे पढ़ें


बुद्धिनाथ मिश्र को समझने का सफल प्रयास

बुद्धिनाथ मिश्र को समझने का सफल प्रयास

समीक्षित पुस्तक: बुद्धिनाथ मिश्र की रचनाधर्मिता सम्पादक: अवनीश सिंह चौहान प्रकाशक: प्रकाश बुक डिपो, बड़ा बाज़ार, बरेली-243003 दूरभाष: 0581-2572217 प्रथम संस्करण: 2013 पृष्ठ: 200 मूल्य: ₹150.00 ISBN: 978-81-7977-500-4,  उपलब्ध: https://www.amazon.in/-/hi/Awanish-Singh-Chohan/dp/8179775003 (1)  सभी जानते हैं कि डॉ. अवनीश सिंह चौहान हिंदी आगे पढ़ें


समवेत संकलनों का एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव: ‘नवगीत अर्द्धशतक’ (खण्ड-एक)

समवेत संकलनों का एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव: ‘नवगीत अर्द्धशतक’ (खण्ड-एक)

कृति: नवगीत अर्द्धशतक (खण्ड-एक) सम्पादक: शिवानन्द सिंह 'सहयोगी'’ प्रकाशक: अनुभव प्रकाशन (ई-28, लाजपत नगर, साहिबाबाद, गाज़ियाबाद-201005) प्रकाशन वर्ष: 2024 पृष्ठ: 360 मूल्य: ₹ 600/- ISBN: 978-93-93103-67-3   ‘नवगीत अर्द्धशतक’ (खण्ड-एक) हिंदी नवगीत विधा का एक उल्लेखनीय संकलन है, जिसे प्रबुद्ध आगे पढ़ें


हिंदी ग़ज़ल महत्त्व और मूल्यांकन 

हिंदी ग़ज़ल महत्त्व और मूल्यांकन 

चर्चित पुस्तक: हिंदी ग़ज़ल महत्त्व और मूल्यांकन (आलोचना) लेखक: डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफ़री प्रकाशक: इंक पब्लिकेशन, करेली प्रयागराज-16 मोबाइल: 9455400973 मूल्य: ₹220.00 पृष्ठ: 126 ISBN: 978-81-19624   हिन्दी कविता परंपरा में ग़ज़ल पाठकों के बीच हमेशा से लोकप्रिय रही है। आगे पढ़ें


संस्मरण

एक आप बीती

  बात १९७१ की मई-जून के महीने की होगी। मेरी ससुराल मथुरा थी। मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि से दस क़दम पहले, उसके सामने वाले टीले पर जगन्नाथ पुरी कॉलोनी है। वहीं पर मेरे सास, श्वसुर ने कोठी बनाई थी। सड़क आगे पढ़ें


पिता जो हमें सर्वशक्तिमान लगते थे (भाग-1)

पिता जो हमें सर्वशक्तिमान लगते थे (भाग-1)

भाग—1 पिता के बारे में लिखते हुए उनकी पठानों जैसी क़द-काठी और छवि आँखों में तैर रही है। वे बिल्कुल पठानों जैसे ही थे। सफ़ेद कुरता, सफ़ेद धोती और सिर पर सफ़ेद रंग का ही पग्गड़ . . .! बड़ी-बड़ी आगे पढ़ें


मैंने कथाकार कमलेश्वर को बतौर संपादक ही जाना

  कल शिवपुरी से मित्र ज़ाहिद खान का फोन आया कि ‘तरक़्क़ीपसंद तहरीक का कारवां’ का अगला एपिसोड कमलेश्वर जी पर दे रहे हैं। इसमें चर्चित लेखक पर अन्य साहित्यकारों, पाठकों के दो-तीन मिनिट के वीडियो भी शामिल करते हैं आगे पढ़ें


अन्य

सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में हिंदी और हिंदीतर भाषाओं के उन्नयन हेतु एक समन्वित अभियान: विशेष संदर्भ-अंतरराष्ट्रीय भारतीय भाषा सम्मेलन-2025

सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में हिंदी और हिंदीतर भाषाओं के उन्नयन हेतु एक समन्वित अभियान: विशेष संदर्भ-अंतरराष्ट्रीय भारतीय भाषा सम्मेलन-2025

  आज की तारीख़ में हिंदी भाषा और साहित्य का दिल बन चुकी दिल्ली, भाषा और संस्कृति के पुनरुत्थान का बिगुलनाद करने में महत्त्वपूर्ण अगवाई कर रही है। यह अगवाई इस उपमहाद्वीप के प्रदेशों तक ही सीमित नहीं है अपितु आगे पढ़ें


कविताएँ

शायरी

समाचार

साहित्य जगत - विदेश

डॉ. मनीष मिश्रा को अंतरराष्ट्रीय हिंदी सेवी सम्मान

डॉ. मनीष मिश्रा को अंतरराष्ट्रीय हिंदी सेवी सम्मान

24 Jan, 2025

  ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ ओरिएंटल स्टडीज़ में आयोजित सम्मान समारोह में डाॅ. मनीष कुमार मिश्रा को उनकी हिंदी सेवाओं…

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इंदौर की प्रवासी लेखिका डॉ. वंदना मुकेश को भारतीय उच्चायोग लंदन द्वारा 2024 के लिए डॉ. हरिवंशराय बच्चन लेखन सम्मान

इंदौर की प्रवासी लेखिका डॉ. वंदना मुकेश को भारतीय उच्चायोग लंदन..

18 Jan, 2025

  सुप्रतिष्ठ प्रवासी रचनाकार डॉ. वंदना मुकेश को भारत के उच्चायोग, लंदन द्वारा विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में वर्ष…

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चुनावी लोकतंत्र और श्रीलाल शुक्ल का साहित्य: अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न

चुनावी लोकतंत्र और श्रीलाल शुक्ल का साहित्य: अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी..

5 Jan, 2025

  जनता सजग, लोकतंत्र सफल—श्रीराम तिवारी आईपीएस   हैदराबाद, 1 जनवरी, 2025 श्रीलाल शुक्ल स्मारक राष्ट्रीय संगोष्ठी समिति तथा हिंदी…

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साहित्य जगत - भारत

साठोत्तर काव्य आंदोलन में संघर्ष मूलक काव्य की प्रवृत्तियाँ—संगोष्ठी संपन्न: युवा उत्कर्ष मंच 

साठोत्तर काव्य आंदोलन में संघर्ष मूलक काव्य की प्रवृत्तियाँ—संगोष्ठी..

5 Feb, 2025

युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (पंजीकृत न्यास) आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना राज्य शाखा की वर्चुअल अट्ठारहवीं संगोष्ठी 26 जनवरी-2025 (रविवार) 4…

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ग्रहण काल एवं अन्य कविताएँ का विमोचन संपन्न 

ग्रहण काल एवं अन्य कविताएँ का विमोचन संपन्न 

19 Jan, 2025

  उद्वेलन एवं संवेदनाओं की कविताएँ: प्रो. बी.एल. आच्छा सरल शब्दों में गहन विषयों को व्यक्त करना आसान नहीं: गोविंदराजन…

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काव्यांजलि: महिला क्रिश्चियन कॉलेज में भारतीय भाषा दिवस का उत्सव

काव्यांजलि: महिला क्रिश्चियन कॉलेज में भारतीय भाषा दिवस..

13 Dec, 2024

  महिला क्रिश्चियन कॉलेज ने हाल ही में भारतीय भाषा दिवस मनाया, जो प्रसिद्ध तमिल कवि और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमणिय…

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साहित्य जगत - भारत

‘क से कविता’ में अतिथि कवि डॉ. विनय कुमार से संवाद संपन्न

‘क से कविता’ में अतिथि कवि डॉ. विनय कुमार से संवाद संपन्न

25 Jan, 2025

  हैदराबाद, 24 जनवरी, 2025।  मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद के दूरस्थ शिक्षा केंद्र की लाइब्रेरी में ‘क से…

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डॉ. अमित धर्मसिंह के काव्य संग्रह कूड़ी के गुलाब का हुआ लोकार्पण 

डॉ. अमित धर्मसिंह के काव्य संग्रह कूड़ी के गुलाब का हुआ लोकार्पण 

4 Jan, 2025

  नव दलित लेखक संघ, दिल्ली के तत्वावधान में लोकार्पण एवं काव्यपाठ गोष्ठी का आयोजन हुआ। गोष्ठी दो चरणों में…

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शिवना नवलेखन पुरस्कार 2024 की घोषणा

शिवना नवलेखन पुरस्कार 2024 की घोषणा

8 Dec, 2024

  ‘शिवना नवलेखन पुरस्कार’ 2024 की घोषणाः रश्मि कुलश्रेष्ठ और शुभ्रा ओझा की साहित्य में दस्तक डॉ. परिधि शर्मा का…

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