माँ चली गई! 

01-08-2022

माँ चली गई! 

अभिषेक पाण्डेय (अंक: 210, अगस्त प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

माँ चली गई, 
मुझको छोड़कर, 
शून्य के पार
 
मैं थका हूँ, 
सामने फैला हुआ, 
सिंधु अपार
 
समझ आया, 
देर से इस क्रूर, 
जग का सार
 
रास्ता लम्बा, 
साथ व्यथा का भार, 
चूकते वार 
 
आत्मा मेरी भी, 
पास जाना चाहती, 
तारों के पार
 
मनुज ही हूँ, 
नहीं कोई तरीक़ा, 
मानता हार 

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