कायर

अभिषेक पाण्डेय (अंक: 288, नवम्बर द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

हम एक ऐसे अमर कायर हैं 
जो मृत्यु से नहीं 
जीवन से मरते हैं 
और हर बार मरकर
पूरी निर्लज्जता से जी उठते हैं! 

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