हीनता का अतिराष्ट्रवाद! 

15-09-2022

हीनता का अतिराष्ट्रवाद! 

अभिषेक पाण्डेय (अंक: 213, सितम्बर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

हिंदुस्तान के लोग
अपने महान पूर्वजों का कवच पहने हुए
उनका अस्सी किलो का भाला लिए हुए
स्वप्निल हल्दीघाटी में
काटते रहते हैं मुग़लों के सर
खचाखच-खचाखच
और चेतक की पूँछ पर
लटके रहते हैं आँख मूँदे
शायद इस बार भी नाला पार हो जाए! 
परसाई जी ने कितना सटीक लिखा था 
हीनता का अतिराष्ट्रवाद! 

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