कृष्णमूर्ति को याद करते हुए 

15-09-2025

कृष्णमूर्ति को याद करते हुए 

अभिषेक पाण्डेय (अंक: 284, सितम्बर द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

छोटे से सिर पर कढ़े हुए सफ़ेद विरल बाल 
पैंट में दबी हुई शर्ट 
बिना घड़ी का रिक्त हाथ
शेव की हुई दाढ़ी-मूँछ
छूछा मस्तक
क्या सत्य ऐसा दिखता है! 
 
मैं तो सोचता था 
सत्य के होंगीं लम्बी-लम्बी जटाएँ
वो पहनता होगा लाल-पीले-हरे वस्त्र
वो किसी आसन पर अवश्य बैठा होगा 
और ॐ का उच्चारण कर रहा होगा 
मित्र! तुमने क्यों तोड़ दी मेरी अवधारणा? 
मेरी विराट निश्चितता में आख़िर 
क्यों घोल गए चुटकी भर संदेह! 

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