ऐसी कविता रच डाल कवि! 

15-11-2022

ऐसी कविता रच डाल कवि! 

अभिषेक पाण्डेय (अंक: 217, नवम्बर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

ऐसी कविता रच डाल कवि
बन सके अंध में तेरा रवि
 
कंधों में जिसके सर रख
अपने हृदबंधन खोल सके
जिसके सुर में मिला सुरों को
आँसू की भाषा बोल सके
काँटों के कोलाहल में
बन खिले कुसुम की कोमल छवि॥
 
मौन मेघ से बेचैनी ले
गाँवों से ढो ला भावों को
छाया ले किसी वृहत तरु की
चपल बना अपने दाँवों को
शिल्प यज्ञ के हवन कुण्ड में
निर्मम होकर डाल हवि . . . 

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