आग न उठती हो जिसके अंतर में

01-11-2021

आग न उठती हो जिसके अंतर में

अभिषेक पाण्डेय (अंक: 192, नवम्बर प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

आग न उठती हो जिसके अंतर में,
सुन वीरों की बलिदान कहानी,
शिराओं में उसके रक्त नहीं,
बहता है केवल, शीतल पानी॥
 
यौवन न मचला हो जिसका,
जननी हित देने को क़ुर्बानी,
कोटिक धिक्‌ उस कदर्य मनुज को,
बूढ़ी है उसकी तरुण जवानी॥

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