परिंदा

निर्मल कुमार दे (अंक: 214, अक्टूबर प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

परिंदों को उड़ने के लिए आसमान चाहिए
इंसान को रहने के लिए मकान चाहिए
नरम दिल रखा करो बेघरों के लिए यारों 
फूलों को महकने के लिए गुलिस्तान चाहिए। 

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