निर्मल कुमार दे – क्षणिका – 006

01-06-2025

निर्मल कुमार दे – क्षणिका – 006

निर्मल कुमार दे (अंक: 278, जून प्रथम, 2025 में प्रकाशित)


भूल नहीं पाता वह मंज़र
जब तुमसे आँखें चार हुई थीं 
लब मेरे खुले नहीं
और तुमने आँखें झुका ली थीं। 

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