तुम नहीं आए

01-08-2023

तुम नहीं आए

निर्मल कुमार दे (अंक: 234, अगस्त प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

बसंत आया
पर तुम नहीं आए
दहकता पलाश
मन में अगन लगाए। 
कोयल की कूक
हूक-सी लगे
भ्रमर के गुंजन
पल-पल तरसाए। 
बसंत आया
पर तुम नहीं आए
 
बासंती पवन
अलसाया बदन
मुकुलित रसाल
मधुप दिखे ललचाए। 
बसंत आया
पर तुम नहीं आए। 
 
तन्हा है दिन
तन्हा है रजनी
एक ही प्रश्न
तुम क्यों नहीं आए? 

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