हैप्पी दिवाली

15-11-2021

हैप्पी दिवाली

निर्मल कुमार दे (अंक: 193, नवम्बर द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

"इस बार हम लोगों ने शांति और सुकून के साथ दिवाली मनाई। आप चिंता नहीं करना मम्मी," सेना के जवान ने फोन पर अपनी माँ को कहा।

"बहुत ख़ुशी मिली, बेटा। दिन रात मन किसी आशंका से घिरा रहता है। सरहद पर तुम्हारे पापा की शहादत  आज भी कहाँ भूल पाई हूँ," माँ ने अपने बेटे को जो सूबेदार के पद पर बहाल है, कहा।

"माँ! इस बार सरहद पर न गोलियाँ चली और न बम फूटे। न्यायालय के आदेश का सम्मान भी किया गया। लोगों ने पटाखे भी नहीं फोड़े।"

"अरे वाह!"

"हाँ माँ, हमने मोमबत्तियाँ जलाईं और सरहद के उस पार के जवानों के बीच  मिठाइयाँ भी बाँटी। बहुत ख़ुशी हुई जब हैप्पी दिवाली कहकर पड़ोसी देश के जवानों ने हमारी ख़ुशी में साथ दिया," सूबेदार ने बताया।

’काश! सत्ता के मद में राजनीतिक स्वार्थ के लिए नेताओं ने नफ़रत और युद्ध के बीज नहीं बोए होते तो  हज़ारों के सुहाग नहीं उजड़ते, पिता के साये से हज़ारों महरूम नहीं होते, पुत्र शोक में माँ-बाप की आँखें पथरा नहीं गई होतीं, भाई के शहीद हो जाने के कारण बहनों का भैया-दूज अधूरा नहीं रह जाता’ सूबेदार की माँ मन ही मन सोचने लगी।

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