चेहरे का रंग

15-03-2021

चेहरे का रंग

निर्मल कुमार दे (अंक: 177, मार्च द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

राजेंद्र और उनकी पत्नी अस्पताल में बहू को देखने आए थे।  बहू प्रसूति कक्ष में दाख़िल थी।

गाँव के अस्पताल में महिला डॉक्टर नहीं थी, दोनों पति पत्नी  की नाराज़गी उन दोनों के चेहरे पर झलक रही थी।

कुछ ही मिनटों के बाद प्रसूति कक्ष से एक नर्स बाहर आई और सूचना दी ,"बधाई हो  पोती हुई है।"

दादा दादी के चेहरे उतर गए।

 

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