लेटर बॉक्स

15-05-2023

लेटर बॉक्स

निर्मल कुमार दे (अंक: 229, मई द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

“यह क्या है दादू? रंग उखड़ गया-सा लगता है और ज़ंग भी लग गई है।" 

“इसे लेटर बॉक्स कहते हैं। पहले यह बड़े काम का था। अब समय बदल गया है और इसकी कोई पूछ नहीं।”

"फिर भी इसे दीवार पर लटका क्यों रखा है?” 

“डाक विभाग की मजबूरी है दादू भाई।”

“डाक विभाग की मजबूरी!”

“उपेक्षा की मजबूरी। चलो तुम्हारे पापा मम्मी के आने के पहले सामने के बग़ीचे से घूम आते हैं।”

दोनों के क़दम बग़ीचे की ओर बढ़ गए। 

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