सावन की घटा

15-07-2022

सावन की घटा

निर्मल कुमार दे (अंक: 209, जुलाई द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

मधुर वाणी प्रियतम तेरी
मिश्री की डली सी, 
सावन की पहली फुहार
गुलाब की कली सी। 
प्रीत जगाए सावन की घटा।1। 
 
फूल सा बदन तेरा
आँखें हिरणी बन गई
लबों की लाली तूने
सुर्ख़ गुल से चुराई
प्रीत जगाए सावन की घटा।2। 
 
तस्वीर कैसे उता‌रूंँ तेरी
पल पल तू बदल रही
मुस्कान तेरी आँखों की
बिजली है गिरा रही
प्रीत जगाए सावन की घटा।3। 

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