निर्मल कुमार दे – हाइकु - 007

01-04-2025

निर्मल कुमार दे – हाइकु - 007

निर्मल कुमार दे (अंक: 274, अप्रैल प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

1.
नीर की धारा
सूखती चली गई
प्रचंड गर्मी
 
2.
प्रेम की धारा
है बहुत जरूरी
भाई -भाई में
 
3.
बहने लगी
अश्रु जल की धारा
बिछड़े मिले।

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