निर्मल कुमार दे – हाइकु - 001

01-03-2022

निर्मल कुमार दे – हाइकु - 001

निर्मल कुमार दे (अंक: 200, मार्च प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

1.
बसंत ऋतु
खिले प्रणय पुष्प
दिल मचला। 
2. 
प्रेम की भाषा
आँखें हुई चंचल
निंदिया दूर। 
3.
जीना बेकार
प्रेम स्पर्श न मिला
प्यासा हृदय। 

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