बहू

निर्मल कुमार दे (अंक: 261, सितम्बर द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

एक शादी समारोह में पचपन वर्षीया राधा अपनी बेटी और बहू के साथ पधारी। राधा जी की सुंदरता और सेहत उनकी उम्र से आधी लग रही थी। बेटी और बहू दोनों के नैन नक़्श सुंदर थे। सभी की नज़रें उन तीनों पर केंद्रित हो गईं। 

एक महिला धीरे से अपने बग़ल की महिला के कान में फुसफुसाई, “तीनों कितनी सुंदर लगती हैं, लेकिन उनमें से एक के चेहरे में आभा कुछ कम दिखती है। लगता है एनीमिक है।”

“जी, वह घर की बहू है!” दूसरी महिला ने धीरे से कहा। 

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