अरुण यह मधुमय देश हमारा

01-01-2024

अरुण यह मधुमय देश हमारा

निर्मल कुमार दे (अंक: 244, जनवरी प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

सबसे सुंदर सबसे प्यारा
सब देशों का सिरमौर है
चमके इनका मुकुट सुनहरा
अरुण यह मधुमय देश हमारा। 
 
चंदन-सी पवित्र भारत भूमि
राम कृष्ण की कर्म भूमि
नद-नदियों की पवित्र धारा
अरुण यह मधुमय यह देश हमारा
 
धन धान्य रत्नों से समृद्ध
ज्ञान विज्ञान अध्यात्म के लिए
युगों से सर पर गुरु का सेहरा
अरुण यह मधुमय देश हमारा। 
 
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
सबकी है यह मातृभूमि
अमूल्य अपना है भाईचारा
अरुण यह मधुमय देश हमारा। 
 
जय जवान जय किसान
साथ में जय विज्ञान
आत्म निर्भरता है अब नारा
अरुण यह मधुमय देश हमारा। 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

लघुकथा
कविता
कविता - हाइकु
कविता - क्षणिका
अनूदित कविता
हास्य-व्यंग्य कविता
कविता-मुक्तक
किशोर साहित्य लघुकथा
कहानी
सांस्कृतिक आलेख
ऐतिहासिक
रचना समीक्षा
ललित कला
कविता-सेदोका
साहित्यिक आलेख
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में