मेरी कोमल देह पर
पाँव रखकर
सुकून पाने वालो
भूल न जाना
मेरी तपन के तेवर
मुझे मुट्ठियों में भींचने की
जी तोड़ कोशिश करने वाला
स्वयं तोड़ बैठता है अपनी
क्षमता का भ्रम
समन्दर भी नहीं बाँध पाता मुझे
जानता है
आज़ाद ख़्याल रेत की
फ़ितरत नहीं होती
मुट्ठियों की क़ैद में रहना।