एक लिफ़ाफ़े में घर की ख़बर आयी हैं
सौंधी मिट्टी सी यादें बन घटा छाई हैं
सिलवटों में पन्नों के आँखें टटोलें उन्हें
पुराने चेहरों पे झुर्रियाँ जो नयी आयी हैं
ढूँढ़ो माँ की छुअन का सुकून ढूँढ़ लो
मौन बाबा की आँखों की चुभन ढूँढ़ लो
ढूँढ़ लाओ वो चैन जिसको कहते हैं घर
वो जो ख़ुशियों में छुट्टे हैं कम, ढूँढ़ लो
दोस्तों संग थी नापी वो गलियाँ सड़क ढूँढ़ लो
मोड़ छूटे, छूटे क़िस्से, वो छूटी नज़र ढूँढ़ लो
पाओ लीटर पे स्कूटर भगती जो मीलों तलक
सरफिरों के वो दिल की धड़क ढूँढ़ लो
जो कहानी सुनी चाँद तारों तले ढूँढ़ लो
जो टपके नानी की चंपी में वो सुकून ढूँढ़ लो
दादी बुनती थी लेकर मेरे बचपन की ऊन
प्यार वो, वो भरोसा, वो जतन ढूँढ़ लो
एक लिफ़ाफ़े में घर की ख़बर आयी हैं
सौंधी मिट्टी सी यादें बन घटा छाई हैं!