विशेषांक: कैनेडा का हिंदी साहित्य

05 Feb, 2022

एक लिफ़ाफ़े में घर की ख़बर आयी हैं
सौंधी मिट्टी सी यादें बन घटा छाई हैं
सिलवटों में पन्नों के आँखें टटोलें उन्हें
पुराने चेहरों पे झुर्रियाँ जो नयी आयी हैं
 
ढूँढ़ो माँ की छुअन का सुकून ढूँढ़ लो
मौन बाबा की आँखों की चुभन ढूँढ़ लो
ढूँढ़ लाओ वो चैन जिसको कहते हैं घर
वो जो ख़ुशियों में छुट्टे हैं कम, ढूँढ़ लो
 
दोस्तों संग थी नापी वो गलियाँ सड़क ढूँढ़ लो
मोड़ छूटे, छूटे क़िस्से, वो छूटी नज़र ढूँढ़ लो 
पाओ लीटर पे स्कूटर भगती जो मीलों तलक
सरफिरों के वो दिल की धड़क ढूँढ़ लो
 
जो कहानी सुनी चाँद तारों तले ढूँढ़ लो
जो टपके नानी की चंपी में वो सुकून ढूँढ़ लो
दादी बुनती थी लेकर मेरे बचपन की ऊन
प्यार वो, वो भरोसा, वो जतन ढूँढ़ लो
 
एक लिफ़ाफ़े में घर की ख़बर आयी हैं
सौंधी मिट्टी सी यादें बन घटा छाई हैं! 

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