1.
टूटे जीवन
कोरोना से हारते
तन औ मन!
2.
घर में बंदी
चूल्हे सिसकते हैं
काम में मंदी!
3.
दुनिया डरे
कब होगा ख़त्म ये
जिए ना मरे!
4.
मौत का डर
मास्क-मनौती बाँधे
रहना घर!
5.
ऋतु न माने
लॉकडाउन रूल
खिलते फूल
6.
प्रमथ्यु बन
ग़लतियों को अपनी
कर वहन!
7.
शब्द नहीं ये
मन की सिलवटें
काग़ज़ पर!
8.
घने बादल
बिजली की स्याही से
लिखते हाल!
9.
घास के तन
फूलों के दुपट्टे सा
आया बसंत!
10.
याद बारात
सपनों की आँखों में
उतरी रात।