दिनकर   गहन  अंधेरे   में  है

01-03-2019

दिनकर   गहन  अंधेरे   में  है

अमरेश सिंह भदौरिया

जनगणमन का सच्चा नायक
मर्यादा   का   ध्वज  संवाहक
रामराज्य  की   लिए  पताका
संवादों    के    घेरे       में  है।
दिनकर   गहन  अंधेरे   में  है।

कर्म-धर्म   की  लेकर   शिक्षा
पग-पग    देती   अग्निपरीक्षा
सहमी-सहमी   जनक  दुलारी
दंद-फंद    के    फेरे     में  है।
दिनकर   गहन  अंधेरे   में  है।

संघर्षों   का   खेल    खेलकर
रीति-नीति  का  दंश   झेलकर
टूट चुका    अंदर    से    होरी
अवसादों    के   घेरे     में  है।
दिनकर   गहन  अंधेरे   में  है।

हार-जीत     का    ताना-बाना
साँप-सीढ़ी   का  खेल  पुराना
विषधर भी सब समझ  गए हैं
क्या   करतूत    सपेरे   में  है।
दिनकर   गहन  अंधेरे   में  है।

1 टिप्पणियाँ

  • 1 Mar, 2019 05:09 AM

    बहुत खूब।सुंदर रचना के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।

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