बदलाव

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 221, जनवरी द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

हालात मत पूछिए
बदलते रहते हैं। 
 
समय मत पूछिए
गुज़रता रहता है। 
 
मोहब्बत मत कीजिए
होती रहती है। 
 
दिल्लगी मत कीजिए
दिलदार औरों से भी
दिल लगाते रहते हैं। 
 
परिस्थिति मत देखिए
स्थिति बदलती रहती है। 
 
हमसफ़र जल्दी
मत बनाइए
हमराही बदलते रहते हैं। 

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