
महेश रौतेला
जन्म : 25.07.1955, अल्मोड़ा (उत्तरांचल)
शिक्षा : एम. एसी. (रसायन विज्ञान), कुमायूँ विश्वविद्यालय, नैनीताल
प्रकाशन : क्षणभर, वर्षों बाद, हे कृष्ण, कभी सोचा न था, ओ वसंत, हमीं यात्रा हैं।अनेक पत्र – पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित।
संप्रति : ओएनजीसी में कार्यरत
लेखक की कृतियाँ
- कविता
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- अरे सुबह, तू उठ आयी है
- आपको मेरी रचना पढ़ने की आवश्यकता नहीं
- आरक्षण की व्यथा
- इसी प्यार के लिए
- इसी मनुष्य की विभा सूर्य सी चमकती
- उठो, उठो भारती, यही शुभ मुहूर्त है
- उम्र मैंने खोयी है
- कभी प्यार में तुम आओ तो
- कितने सच्च मुट्ठी में
- गाँव तुम्हें लिख दूँ चिट्ठी
- चलो, फिर से कुछ कहें
- चुलबुली चिड़िया
- जब आँखों से आ रहा था प्यार
- जो गीत तुम्हारे अन्दर है
- तुम्हारी तुलना
- तूने तपस्या अपनी तरह की
- तेरी यादों का कोहरा
- तेरे शरमाने से, खुशी हुआ करती है
- दुनिया से जाते समय
- दूध सी मेरी बातें
- दोस्त, शब्दों के अन्दर हो!
- पर क़दम-क़दम पर गिना गया हूँ
- पानी
- फिर एक बार कहूँ, मुझे प्यार है
- बस, अच्छा लगता है
- बहुत बड़ी बात हो गयी है, गाँव में भेड़िया घुस आया है
- बातें कहाँ पूरी होती हैं?
- मेरा पता:
- मैं चमकता सूरज नहीं
- मैं तुमसे प्यार करता हूँ
- मैं वहीं ठहर गया हूँ
- मैं समय से कह आया हूँ
- मैंने पत्र लिखा था
- मैंने सबसे पहले
- मैंने सोचा
- लगता है
- वर्ष कहाँ चला गया है
- सब सुहावना था
- हम दौड़ते रहे
- हम पल-पल चुक रहे हैं
- हम सोचते हैं
- हमने गीता का उदय देखा है
- हे कृष्ण जब
- स्मृति लेख
- कहानी
- विडियो
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- ऑडियो
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