कभी-कभी मन करता है

01-11-2023

कभी-कभी मन करता है

महेश रौतेला (अंक: 240, नवम्बर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

कभी-कभी मन करता है
बिना शिकायत के
उड़ जाऊँ, 
अपने घर पर जा, बैठ आऊँ
दरवाज़ा खोल
घर को टटोलूँ, 
माँ के स्थान को
लाड़-प्यार से देखूँ, 
पिता की जगह को
एकटक निहार लूँ, 
मौन होकर
दीवारों पर कान लगा, 
माँ की रोटी पाथने की आवाज़
सुनने की चेष्टा करूँ, 
या फिर पिता की खाँसने की ध्वनि में
अपना ध्यान बटा लूँ, 
ये सब आतंक और युद्ध से 
बहुत बड़े लगते हैं, 
बस हो सके तो बिना शिकायत उड़ जाऊँ। 

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