हे भगवान तुम्हें रट लूँ तो

01-08-2024

हे भगवान तुम्हें रट लूँ तो

महेश रौतेला (अंक: 258, अगस्त प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

हे भगवान तुम्हें रट लूँ तो
रट कर तुम्हें रख लूँ तो, 
राम तुम्हीं, श्याम तुम्हीं
महिमा थोड़ी भज लूँ तो। 
 
उदय यहीं, अस्त यहीं
लक्ष्य कहीं रख लूँ तो, 
प्रकाश यहीं, अंधकार यहीं
पथ का पता पूछूँ तो। 
 
प्राण यहीं, परिवार यहीं
प्राणों का भय साकार यहीं, 
अभय यहीं, पथ प्रशस्त यहीं
बलिदानों का इतिहास यहीं। 
 
श्याम कहूँ या भगवान कहूँ
प्रिय के अन्दर रह लूँ तो, 
धूप रहे या छाँव रहे
प्रिय के अन्दर सज लूँ तो। 
 
नाम यहीं, विराट यहीं
महाभारत के अध्याय यहीं, 
न्याय यहीं, अन्याय यहीं
मानव का विस्तृत ज्ञान यहीं। 

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