किसी का अचानक निकल जाना

01-11-2025

किसी का अचानक निकल जाना

महेश रौतेला (अंक: 287, नवम्बर प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

किसी का अचानक निकल जाना
नदी का लुप्त होना, 
पेड़ों का सूखना
उदास कर देता है। 
किसी का खो जाना
श्मशान में आग का जलना, 
जंगल में आग लगना
सन्नाटा ले आता है। 
लोगों का आपस में लड़ना
लहू का बहना, 
आँसुओं का लौटना
निराश कर देता है। 
अचानक प्यार का दिखना
नक्षत्रों की तरह टिमटिमाना, 
क्षितिज तक उठना
उल्लास गढ़ देता है। 
दुख का सूखना
मित्र का मिलना, 
आयु का बढ़ना
आँखों को जगमगा देता है। 

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