उन्हें क्या कष्ट था? 

01-06-2025

उन्हें क्या कष्ट था? 

महेश रौतेला (अंक: 278, जून प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

उन्हें क्या कष्ट था
तब पता नहीं था, 
हल्की सी मुस्कुराहट में
दिन गुज़ार लेते थे। 
आज सुना वे गुज़र गये
पता चला उन्हें
मधुमेह था, उच्चरक्तचाप था, 
कमर दर्द था, 
कैंसर का अनुमान था। 
भोर होते
बग़ीचे में दिखना, 
शाम की बेला में
बग़ीचे में होना, 
उनकी आदत थी। 
वे अख़बार लिए
देश-विदेश की ख़बरें पढ़, 
सच-झूठ को मन में रख
मौन क्रान्ति के पक्षधर हो गये थे। 
कहा करते थे—
नेता नाटक करते हैं, 
झूठ के पीछे छिपे रहते हैं। 

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