बद्रीनाथ

01-12-2023

बद्रीनाथ

महेश रौतेला (अंक: 242, दिसंबर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

मैंने सोचा
बद्रीनाथ में तुम जागे होगे
गंगा जी तक आते होगे, 
हिम पर भी अधिकार तुम्हारा
सूरज पर भी हाथ तुम्हारा। 
 
धरती पर ध्यान लगाये
नीले जल पर लेटे होगे, 
मनुज तुम्हारे पास पहुँच कर
भेंट सरासर देते होंगे। 
 
तुम में शुचित मर्यादा होगी
चलकर तुम बैठे होगे, 
ध्यान लगा कर जग देखना
तुम प्यारे परमात्मा होगे। 
 
बहुत भीड़ में स्थितप्रज्ञ तुम
कभी सभा नहीं करते होगे, 
जाने-अनजाने तुम यहाँ
उदय-अस्त सब लिखते होगे। 

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