बहुत शाम हो गयी

01-11-2023

बहुत शाम हो गयी

महेश रौतेला (अंक: 240, नवम्बर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

बहुत शाम हो गयी
अब निकलना चाहिए, 
रात्रि के नक्षत्रों की
कुछ बात रखनी चाहिए। 
 
तुम आओ या न आओ
मुलाक़ात होनी चाहिए, 
इस घर या उस घर पर
बारात सजनी चाहिए। 
 
तुम कहो या न कहो
प्यार होना चाहिए, 
मनुष्यता के लिए
ये खाद होनी चाहिए। 
 
तुम सुनो या न सुनो
प्रार्थना होनी चाहिए, 
इस गुमशुदा ज़मीर का
ठीक पता होना चाहिए। 

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