दूध सी मेरी बातें
अब भी तुम्हें पकड़ती होंगी,
आँखों में जब नाचती होंगी
आँखें तुम मूँद लेते होगे।
दूध सी मेरी बातें
तुम्हारे हाथ थामती होंगी,
मुखड़े पर एहसास ला
तारों की तरह टिमटिमाती होंगी।
दूध सी मेरी बातें
तुम्हारी राहों की तह लगाती होंगी,
मन को आहट दे
सैकड़ों बार खोलती होंगी।