बहुत बड़ी बात हो गयी है
गाँव में भेड़िया घुस आया है,
बीस लोगों को मार
गाँव में ही बैठा है।
बैठकें हो रही हैं
भेड़िया अडिग है
अपनी भाषा बोल रहा है,
गाँव वाले खोखले हैं
अपनी भाषा से अनजान हैं,
अपनी भाषा अपनी ही होती है
जो नया जोश देती है।
भेड़िया आया है
गाँव से कहता है
जब मन होगा तब जाऊँगा,
जब मन होगा तब आऊँगा,
दो क़दम आगे
एक क़दम पीछे।
भेड़िये को गाँव
झूला झुला रहा है,
बहुत बड़ी बात हो गयी है
बाज़ार लगा है
सभी सामान भेड़िया बेच रहा है।
गाँव का प्रधान
मुफ़्त राशन दे रहा है,
ग़रीब को ग़रीब रखने की युक्ति सोच रहा है
भेड़िया हँस रहा है।
गाँव को बदलना है
भेड़िये को भगाना है,
बहुत बड़ी बात हो गयी है
गाँव में भेड़िया घुस आया है।