"अरे सुबह, तू उठ आयी है अरे शाम, तू चुप बैठी है, अरे रात , तू अब भी वैसी अरे समय, तू अब भी अद्भुत। अरे साथ, तू अब भी भूखा अरे प्यार,तू अब भी श्यामल अरे सत्य, तू अब भी अपरिचित अरे जीवन, तू अब भी प्यासा।"