ज़िन्दगी में अँधेरा . . .

01-08-2023

ज़िन्दगी में अँधेरा . . .

सुशील यादव (अंक: 234, अगस्त प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

2122     2122      2122

 

करवटों का सिलसिला कब तक चलेगा
ये थका सा क़ाफ़िला कब तक चलेगा
 
कौन जाने लापता मंज़िल कहाँ पे
और टूटा रास्ता कब तक चलेगा
 
तुमने अँधेरे में चलना, मन बना लिया
ज़िन्दगी में अँधेरा कब तक चलेगा
 
कोई तो रौशनी के ख़्वाब देखा करो
या ख़ुदा ये बद्दुआ कब तक चलेगा
 
छोड़ दो अब तो हिदायत रात जीना
बारहा कोई मशविरा कब तक चलेगा
 
थक गई है अब कहीं ताक़त ये रूह की
ये उदास सा चेहरा कब तक चलेगा
 
इंतज़ार से आ खड़ी हो मौत की घड़ी
एक तरफा फ़ैसला कब तक चलेगा 
 
रहनुमाओ ख़ौफ़ मत पैदा करो अब 
पुश्तो जारी मामला कब तक चलेगा
 
सामने मीजान मेरे इश्क़ का कर 
मुझ पे ज़ुल्म-जलजला कब तक चलेगा

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