कोई जब किसी को भुला देता है

01-12-2024

कोई जब किसी को भुला देता है

सुशील यादव (अंक: 266, दिसंबर प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

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कोई जब किसी को भुला देता है
वो चुपचाप ख़ुद को सज़ा देता है
 
ये तालीम चाहत की कहती है बस
मियाँ मजनूँ सबकुछ हिला देता है
 
हमें मय कदा देखना था कभी
उसूलों का जमजम पिला देता है
 
हमसफ़र वो तन्हाई के हैं नहीं
बुरे वक़्त दिल हौसला देता है
 
घड़ी रुक के मेरी चला करती पर
ठिकाने से बारा बजा देता है

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